Madhya Pradesh: राखड़ परिवहन कर रहे ओवरलोड वाहनों का जताया विरोध

राखड़ परिवहन कर रहे ओवरलोड वाहनों का जताया विरोध।

शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।

पावर प्लांट प्रबंधन की मिलीभगत से हो रहा कारोबार

उमरिया। संभाग के जिला उमरिया की तहसील पाली में स्थित संजय गांधी ताप विधुत परियोजना से विभिन्न सीमेंट फैक्ट्रियों में परिवहन किये जाने के लिए कोल राखड़ परिवहन के दौरान ओव्हरलोड वाहन प्रचलन का विरोध स्थानीय ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के द्वारा किया गया है।

Madhya Pradesh: An opposing to the overload vehicles which are transporting the maintenance. (Photo Source: Agnichakr Live News )
Madhya Pradesh: An opposing to the overload vehicles which are transporting the maintenance. (Photo Source: Agnichakr Live News )

पॉवर प्लांट प्रबंधन को सौंपे गए ज्ञापन पत्र के माध्यम से ट्रक एसोसिएशन ने मांग करते हुए बताया है कि पॉवर प्लांट प्रबंधन किबमिली भगत से राखड़ ट्रकों में ओव्हरलोड राखड़ भरवाया जाता है। जिससे वाहन मालिकों को आर्थिक क्षति हो रही है, वहीं सड़कों की धज्जियां भी उड़ रही हैं।

ट्रक एसोसिएशन के मुताबिक सीमेंट फैक्ट्रियां पॉवर प्लांट प्रबंधन को दबाव में लेकर नियम विरुद्ध क्षमता से अधिक भार देकर परिवहन करा रही हैं। जिसका हम व्यापक विरोध करते हैं, ओव्हरलोड ट्रक प्रचलन में तत्काल रोक नहीं लगीगी तो ट्रक एशोसिएशन इसका व्यापक विरोध कर सड़कों में उतरेगा।

ट्रक एसोसिएशन उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।

गौरतलब है कि बीते दिन भी राखड़ लोडिंग प्रबंधन द्वारा राखड़ वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक राखड़ परिवहन कराया जाता था, जिसको लेकर कई दिनों तक ट्रक एशोसिएशन ने सभी राखड़ वाहनों को खड़ा कर आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन किया था। तब जाकर इस कारनामे में रोक लगी थी जो अब पुनः प्रबंधन के मूक सहमति से आरम्भ करा दी गई है।

सेंगर साहब की भूमिका संदेहास्पद सूत्रों का कहना है कि कोल राखड़ परिवहन में मुख्य जिम्मेदारी निभाने वाले के नाम से चर्चित पॉवर प्लान्ट के एसई वाईएस सेंगर की भूमिका ओव्हरलोड राखड़ परिवहन में सुर्खियां बटोर रही है।

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बताया जाता है कि माननीय न्यायालय का निर्देश है कि भार क्षमता से अधिक किसी भी वाहनों में ओव्हरलोड न कराया जाए लेकिन यहाँ के सेंगर साहब बड़ी दिलचस्पी के साथ राखड़ वाहनों में ओव्हरलोड प्रथा को खत्म नहीं करना चाहते।

चर्चा तो यह भी सुर्खियो में है कि सीमेंट फैक्ट्रियों के जिम्मेदारों से सेंगर साहब का गहरा नाता है जो बार बार ओव्हरलोड वाहन प्रचलन में विरोध के बावजूद कोई पुख्ता सुधार नहीं कर पा रहे बल्कि जानकारी के बाद भी इसमें पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। हलांकि जब इस सम्बंध में उनसे बात करने का प्रयास करना चाहा गया तो वह ज्यादा व्यस्त नजर आए जिससे उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

गलती करे प्रबंधन भोगते हैं। हम कोल राखड़ परिवहन करने वाले ट्रक मालिक बताते हैं कि जब प्रबंधन के द्वारा हमारे ट्रकों में ओव्हरलोड राखड़ भरवाया जाता है, उस दौरान कांटा की जाती है तब ओव्हरलोड होने के कारण ट्रकों को रोक कर मानसिक प्रताड़ना दी जाती है, साथ ही जब सड़कों में वाहनों की जांच दौरान पुलिसिया कार्रवाई होती है तो सड़क का खर्चा भी हमें वहन करना पड़ता है।

जानकारी तो यह भी सर्वआम है कि बीते दिन से आरम्भ किये गए ओव्हरलोड राखड़ परिवहन प्रचलन में उमरिया जिला के यातायात विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है।

बहरहाल इन वाहनों के प्रचलन में यातायात विभाग क्या कार्रवाई करता है यह तो अब तक सामने नहीं आया है। ये रहे मौजूद: ज्ञापन सौंपने के दौरान ट्रक एशोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, सूर्या अवधिया, जिमी सिंह, रमेश विष्वकर्मा, केशव जयसवाल, राकेश सिंह, जितेंद्र सिंह, अनिल यादव, हिमांशु शिवहरे, अजय अग्रवाल, राजन सोनी, बंटी गुप्ता, मनोज खण्डेलवाल, यशवंत सिंह, दादूराम विष्वकर्मा, नीलेश अग्रवाल सहित अन्य मौजूद रहे।

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