मध्यप्रदेश की बीजेपी की सरकार में पुराने कांग्रेसियों की कैबिनेट।
आष्टा से शेख़ फैज़ान की रिपोर्ट।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार बनने के 100 दिन बाद आखिरकार मंत्रिमंडल का गठन किया गया। देश में शायद यह ऐसी पहली घटना होगी जिसमें सरकार बनने के 100 दिन बाद संपूर्ण मंत्रिमंडल का गठन किया गया हो।
इससे पूर्व में मात्र 5 मंत्रियों के साथ गठन किया गया था। ऐसी क्या मजबूरियां थी या परिस्थितियों थीं। जिसकी वजह से इस मंत्रिमंडल गठन में इतनी देरी हुई।
जनहित में ऐसे कई निर्णय हैं जो इसकी वजह से नहीं हो पाए। इस मंत्री मंडल के गठन में अवसरवादी लोगों को भारतीय जनता पार्टी ने आगे बढ़ाया है। वह पार्टी जो सिद्धांत, संस्कार और शुचिता की बात करती है, उसकी कथनी में और करनी में क्या अंतर है ये जनता भलीभांति समझ गई है।
कई दिनों से बीजेपी द्वारा जो निर्णय लिए जा रहे हैं, उसमें यह नजर आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा अवसरवादी लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें आदर्शवादीयों को अपमान मिला है।
यह देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है। देश में ऐसी परिपाटी ना चल पड़े, जिसमे चुनी कोई सरकार के विधायकों को लालच देकर या दबाव बनाकर उन्हें अलग कर निर्वाचित सरकार को गिराया जाए और पार्टियों को धोखा देने वालों को पुरस्कृत किया जाए।
यह बात शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष इदरीस मंसूरी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं एक राष्ट्रीय पार्टी का सदस्य होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश का नागरिक हूं। इसी तर्ज पर मुझे जो दिखा वही लिख रहा हूं, बता रहा हूँ।
यह एक गंभीर विषय है कि इस तरह के लोगों को प्रोत्साहित करना लोकतंत्र के लिए खतरा है। इस मंत्रिमंडल में ऐसे विधायक जो 7 बार चुनाव जीते हैं। उन्हें मंत्री ना बनाते हुए अवसरवादी विधायकों को मंत्री बनाना और आदर्शवादी विधायक जो पार्टी के प्रति सच्ची निष्ठा और भरोसा रखते हैं, उनका अपमान है।
इस मंत्रिमंडल में सामाजिक क्षेत्रीय एवं जातिगत समीकरण का भी ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि इस मंत्रिमंडल में अवसरवादियों का बोल बाला है। बहुत से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक जो मंत्री पद के इंतजार में बैठे थे।
उन्हें काफी अपमान महसूस हुआ होगा ये इतिहास का पहला मंत्रीमंडल होगा जिसमें 12 मंत्री विधायक नहीं हैं। कितना मजबूर मंत्रीमंडल होगा। जिसमें चुने हुए विधायक मंत्री नहीं बने। भाजपा अपने आप को आम लोगों की पार्टी कहती है।
खुद को विश्व में सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली बीजेपी ने ग्वालियर राजघराने के सामने घुटने टेक दिए।यह साफ़ नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी देश को किस दिशा में ले जा रही है। सत्ता के लालच में लोकतंत्र पर चोट की जा रही है। देश की जनता को इस बारे में गहन चिंतन करना चाहिए।
मेरा यह मानना है कि लोकतंत्र की हत्या रोकने के लिए कानून बनना चाहिए जिसमें एक राजनीतिक पार्टी से चुनाव जीते विधायक या सांसद दूसरी पार्टी में जाते हैं, तो उन पर पूरे जीवनकाल चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए। मुझे देखने पर यह मंत्रिमंडल मजबूत नहीं मजबूर मंत्रिमंडल नजर आ रहा है।
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बीजेपी में ऐसे कई चेहरे हैं जोकि अपने अनुभव से मध्यप्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकते थे लेकिन उन्हें मंत्री न बनाते हुए नए नए विधायकों को मंत्री बनाया गया है। जबकि इस कैरोना काल में हमें वरिष्ठ और अनुभवी मंत्रियों की आवश्यकता थी।
इससे यह जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश से, प्रदेश की जनता से मतलब नहीं है। वह सिर्फ अपने आप को सत्ता में बनाए रखना चाहती है