अशासकीय शिक्षण संगठन जावर तहसील द्वारा अपनी मांगों को लेकर दिया ज्ञापन।
जावर से अदनान हुसैन की रिपोर्ट।
जावर। अशासकीय शिक्षण संगठन जावर तहसील के समस्त अशासकीय विद्यालयों ने अपनी विभिन्न माँगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मांग की गई कि संक्रमण काल महामारी के दौरान जो देश में आपदा है उसके कारण समस्त अशासकीय विद्यालयों की स्थिति संकटपूर्ण पैदा हो गई है। सभी अशासकीय विद्यालय आर्थिक पक्ष से कमजोर होते चले जा रहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई कि विद्यालय में RTE की शेष 70% राशि 2017-18 एवं 19- 20 की पूर्ण फीस प्रति पूर्ति शीघ्र जमा की जाए। सोशल मीडिया पर शिक्षण शुल्क के संबंध में चलाए जा रहे भ्रांतिपूर्ण मैसेज जिसमें अशासकीय विद्यालयों की फीस माफ एवं फीस न जमा करने संबंधी बातें की जा रही हैं। इसका शासन खंडन कर स्पष्ट आदेश जारी करें।
कोविड-19 के कारण संपूर्ण देश में लॉकडाउन की स्थिति में विभिन्न व्यवस्थाओं को आर्थिक पैकेज दिया। उसमें विद्यालयों को शामिल कर आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जाए। इस हेतु बिना गारंटी एवं ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाए जो कम से कम दो लाख रुपये हो यह कि विद्यालयों द्वारा संचालित वाहनों का परमिट एवं शुल्क एक वर्ष के लिए माफ किया जाए एवं एक वर्ष के लिए परमिट नि:शुल्क दिया जाए।
अशासकीय विद्यालयों द्वारा दिया जाने वाला क्रीड़ा शुल्क, रेडक्रॉस, स्काउट गाइड शुल्क माफ किया जाए। विद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में निर्देश कम से कम 15 दिन का समय दिया जाए। जिसमें विद्यालय की तैयारी व्यवस्थित रूप से उपरोक्त में अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने वालों में अनंत जोशी, जयंत बिलोरे, मुकेश पांचाल, देवकरण चौहान, तेजपाल सिंह ठाकुर, आनंद छाजेड़, त्रिलोक सिंह, लखन सिंह मंडलोई, सुनील भावसार, मुकेश भावसार, अमरदीप वैद्य, महेंद्र सोलंकी, राहुल मालवीय, वीरेंद्र सिंह दरबार आदि उपस्थित थे।