जिले के अशासकीय विद्यालय संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।
शहडोल से संभागीय ब्यूरो मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
शहडोल। जिले के अशासकीय विद्यालय संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है, कि कोरोना महामारी के कारण देश के सभी शैक्षणिक संस्थान मार्च महीने से बंद हैं। विद्यालय खुलने में कितना समय लगेगा यह भी निश्चित नहीं है। वैश्विक महामारी के कारण 03 महीने लॉकडाउन के पश्चात बाजार पुनः चालू हो चुका है, परंतु विद्यालय अभी भी बन्द हैं, जिसके कारण अभिभावक शासन के निर्देशानुसार भी फीस भरने को तैयार नहीं हो रहे हैं, जबकि संभाग के विद्यालयों की फीस न्यूनतम है, जोकि किसी भी आमजन मानस द्वारा भरी जा सकती है।
जिसके कारण विद्यालय से जुड़े शिक्षक स्टाफ, एवं संचालकों की रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो चुका है। अभी कुछ दिन पूर्व इन्हीं कारणों से महाराष्ट्र के भंडारा में एवं मध्यप्रदेश के इदौर में एक संचालक द्वारा आत्महत्या किया गया।
विद्यालय के खर्चो को निभाने, स्टाफ एवं शिक्षकों के वेतन की प्रतिपूर्ति का एकमात्र साधन स्कूल फीस ही होती है, परंतु मार्च से स्कूल बन्द होने के कारण सिर्फ इस वर्ष की ही नहीं अपितु पिछले वर्ष की भी कई बच्चों की फीस अभिभावकों द्वारा अभी जमा नहीं कराई गयी है। जिसके कारण अब संभाग के विद्यालय इन खर्चो को वहन करने में असमर्थ हैं। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि 30 जून तक पिछली फीस एवं इस वर्ष की शैक्षणिक फीस अभिभावकों को देय होगी।
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वर्ष 2017-18, 2018-19 की दो वर्षो की फीस प्रतिपूर्ति भी शासन द्वारा विद्यालय को नहीं की गई, यदि फीस प्रतिपूर्ति विद्यालय को तुरन्त दी जाए तो कुछ आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। अतः आप से निवेदन है की अभिभावकों से विद्यालयों की फीस प्रतिपूर्ति करने एवं विद्यालयों को बंद होने से बचाने के लिए कृपया इस निवेदन पर विचार करें।