रक्तकोष प्रभारी ने अपने फेस बुक एकाउंट के माध्यम से लोगो से रक्तदान हेतु लोगों से की अपील।
शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के हर साधन का प्रयोग करना चाहिए:
शहडोल। अपने कर्तव्यों के प्रति सदा सजग रहने वाली शहडोल ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर सुधा नामदेव ने लोगो से रक्त डोनेट करने की अपील करते हुए थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी के बारे में बताया कि थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया आप सभी ने इन दोनों वंशानुगत बीमारियों के बारे में सुना ही होगा।
वंशानुगत याने माता पिता के के द्वारा बच्चों को जन्म से मिली बीमारी। वर्तमान में शहडोल जिले में लगभग 60 मरीज थेलेसिमिया के और करीब 250 मरीज सिकल सेल एनीमिया के रजिस्टर हैं। इन मरीजों को हर 15-20 दिन या माह में 1 बार ब्लड चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है क्योंकि इनका यही इलाज है बस।
कोविड-19 के संक्रमण का खतरा इन दोनों बीमारियों में और बढ़ जाता है। यदि इन्हें समय पर ब्लड नहीं मिला तो इनका ऑक्सिजन लेवल घट जाता है। कोविड-19 के इंफेक्शन में भी सारा रोल ऑक्सिजन की मात्रा शरीर में पर्याप्त बनाये रखने का ही होता है। ये बच्चे पहले से ही कुपोषित होते हैं और कुपोषण के कारण हर तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है तो इसलिए भी कोविड से इनको खास बचाव की ज़रूरत होती है। इन दोनों बीमारियों में इनकी स्प्लीन याने की तिल्ली कम क्रियाशील होती है जिसके कारण हर तरह के इंफेक्शन के लिए इनका शरीर ज्यादा क्रियाशील हो जाता है।
मतलब कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के हर सम्भव प्रयास करना चाहिए ।
सबसे जरूरी इन मरीजों के लिए समय पर ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता है। इन्हें शासन के नियमानुसार एवम मानवीय आधार पर भी ब्लड बैंक्स से ही रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
वर्तमान में जिला चिकित्सालय के रक्तकोष में ब्लड की काफी कमी को देखते हुए डॉक्टर सुधा नामदेव ब्लड बैंक प्रभारी शहडोल ने निवेदन करते हुए कहा कि जिनको भी रक्तदान किये 3 माह से ज्यादा हो गए हैं या फिर जिन्होंने अभी तक रक्तदान कभी नहीं किया है कृपया इस नेक कार्य के लिए आगे आये। इन मरी जों की जान आपके द्वारा किये गए रक्तदान से ही बच सकती है क्योंकि इन बीमारियों का और कोई इलाज नहीं है।