सेवाभावी संस्थाओं ने थामी शहरियों के स्वास्थ्य सुरक्षा की डोर।

सेवाभावी संस्थाओं ने थामी शहरियों के स्वास्थ्य सुरक्षा की डोर।

भिवंडी से मुस्तकीम खान की रिपोर्ट।

10-10 बेड तक की चलाई जा रही है भिवंडी में मोहल्ला क्लिनिक।

भिवंडी। भिवंडी में कोरोना वायरस की इस महामारी के दौरान यहां के अधिकतर निजी अस्पताल बंद हो गए थे। जिस कारण जून माह के प्रारंभ में जब भिवंडी शहर में नान कोविड मरीजों की धड़ाधड़ मौत होने लगी।

Service oriented institutions provided the key links to the health care of tha townships.

यहां तक कि शहर के अधिकतर कब्रिस्तानों में हाउसफुल का बोर्ड लगा दिया गया था। ऐसी परिस्थिति में शहर की मौतों की संख्या पर रोक लगाने सहित नान कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए शहर की 50 से अधिक सामाजिक संस्थाएं और सेवा भावी लोग आगे आए।

शहर के विभिन्न ठिकानों पर मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर निःशुल्क अथवा नाम मात्र चार्ज पर बीमार शहरियों के उपचार का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है।

जिसमें से एक अग्रणी नाम है, अल अंसार मेडिकल वेलफेयर सोसाइटी का। जिसने हिंदुस्तानी मस्जिद ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 10 बेड का एक भव्य मोहल्ला क्लीनिक शुरू कर दिया है। जहां प्रतिदिन लगभग  300 मरीजों का उपचार होता है और आज तक 5 हजार से अधिक लोग यहां स्वास्थ्य लाभ उठा चुके हैं।

जिसके लिए नियमित रूप से मालेगांव से 2 डाक्टरों के अलावा स्थानीय 2 डाक्टर, 2 कंपाउंडर और 4 नर्सों द्वारा उपचार का काम सतत जारी है।

इतना ही नहीं महिला मरीजों के लिए इनमें से 2 महिला डाक्टरों का भी प्रबंध किया गया है। 

मोहल्ला क्लीनिक में मुख्य भूमिका निभाने वाले शाहिद फारुकी, जफर अंसारी, वसीम अंसारी, मुस्ताक मोमिन, शहजाद मोमिन और केके एसोसिएट के प्रबंध निदेशक दुर्राज कामनकर का नाम प्रमुख है। जो अब तक शहर के दानशूरों की मदद से सवा 2 लाख रूपए की दवा मरीजों को उपलब्ध करा चुके हैं। इतना ही नहीं इस मोहल्ला क्लीनिक के जरिए न्यू अल्पाईन लैब में होने वाली खून की जांच में भी मरीजों को 60 प्रतिशत की छूूट मिलती है।  

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