मृतकों के परिजनों का गम्भीर आरोप। पुलिस ने मृतक के पुत्र को ही भेज दी है जेल:एहसान अहमद।
सारण से सैयद शकील हैदर की रिपोर्ट।
सारण जिले के SDPI टीम मशरख थाना, चांदकुदरिया पंचायत स्थित हरपुरजान गांव पहुंच कर मृतकों के परिजनों से मिलकर संतावना व्यक्त की साथ में सही घटना की जानकारी भी ली।
बता दें कि दिनांक 18 जुलाई को संध्या में दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुइ थी। जिसमें एक पक्ष के गम्भीर रूप से घायल बाबूदद्दीन मियां एवं रोजादीन मियां पटना PMCH रेफर थे। जिनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल मे चल रहा था। बाबू्द्दीन मियां का मृत्यु 21 जुलाई को ही हो चुकी है। जबकि दूसरे व्यक्ति रोजादीन मियां का मृत्यु 23 जुलाई को संध्या मे हो गई। दूसरे पक्ष के घायलों का इलाज छपरा सदर अस्पताल मे चल रहा है।
अब तक मृत पक्ष के लोगों की तरफ से ही 10 लोगों को पुलिस अरेस्ट कर के जेल भेज चुकी है। जबकि दुसरे पक्ष से केवल 7 लोगों की ही आरेस्टिंग हुइ है।
परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि अपने मृतक पिता को इलाज़ के लिए ले गए जावेद आलम को ही पुलिस ने अरेस्ट कर के जेल भेज दिया है।
परिजनों का यह भी आरोप है कि मारपीट के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले निर्दोष ग्रामीणों को भी पुलिस ने अरेस्ट कर के जेल भेज दिया है।
ग्रामीणों ने घटनाक्रम के बारे में बताया कि 17 जुलाई को 12 बजे दिन में अल्पसंख्यक के कुछ बच्चे नहर में नहा रहे थे। उसी दौरान शुदीस राय, पिता भोला राय, अपने हाथ में लिए डंडे से लड़कों को मारना शुरू कर दिया। इस दौरान लड़कों ने भाग कर अपनी जान बचाई। फिर 18 जुलाई को लगभग 4 बजे संध्या में शुदिस राय के पुत्र अपने खेत में घास उखाड़ने गया था। तभी दूसरे पक्ष के 2 लड़कों ने शुदीस राय के पुत्र को पीटने के लिए दौड़ाया।
शुदीस राय का पुत्र अपने मुहल्ले की तरफ़ भाग गया। ठीक 2 घंटे बाद लगभग 6 बजे संध्या में शुदीस राय, राजेश राय के नेतृत्व में लगभग चालिस से पचास की संख्या में तलवार, लाठी, भाला, फरसा से लैस होकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया जो लोग भी रास्ते मे मिले उस पर ही जान से मारने की नियत से हमला कर दिया।
राजेश राय जोकि पुलिस विभाग में एएसआई के पद पर कार्यरत है। वो लोगों को उकसा कर लाय थे और जोर जोर से चिल्ला कर कह रहे थे सबको काट दो हम देख लेंगे।
SDPI के जिला सचिव एहसान अहमद ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दोषी व्यक्तियों को जल्द से जल्द अरेस्ट किया जाय। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करा कर जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए।निर्दोष लोगों को जेल से रिहा किया जाए।दोशी पुलिस कर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि मृतकों के परिजनों को न्याय मिल सके। अन्यथा बाध्य होकर SDPI सारण इकाई की टीम आन्दोलन करेगी।