युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्यों ने शहर के विभिन्न चौराहें को कराया सैनिटाइजेशन।
छपरा से सैयद शकील हैदर की रिपोर्ट।
छपरा की सामाजिक संस्था युवा क्रांति रोटी बैंक जहाँ प्रतिदिन शाम में हर शाम जरूरतमन्दों, बेघर, असहाय के नाम से सड़कों पर रह रहे लाचार लोगों को भोजन कराती है। वहीं बढ़ते कोरोना के मरीज को देखते हुए रितेश इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की मदद से युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्यों ने अपने छपरा शहर को सैनिटाइज किया। जिसका संचालन खुद युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य रितेश रंजन जी ने किया।
युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य रितेश रंजन ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्यों के द्वारा लगभग आज 4 महीनों से शहर के विभिन वार्डो में धार्मिक स्थानों को सैनिटाइजेशन का कार्य हमारे सदस्य के द्वारा हो रहा है।
इस चीज को देखते हुए सभी सदस्यों के द्वारा विचार विमर्श करते हुए ये निर्णय लिया गया जिसमें अमितेश रंजन का भरपूर सहयोग मिला।
वहीं अमितेश रंजन ने कहा कि मुझे मेरे छोटे भाइयो के द्वारा ये अवगत कराया गया कि एक दिन सैनिटाइजर टैंकर से शहर को सैनिटाइजेशन करना है तब मेरी कंपनी रितेश इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड का टैंकर मंगवाया गया।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य अपने कर्तव्यों तथा दायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ निःस्वार्थ भाव से सामाजिक सेवा कर रहे हैं। इस कार्य में सभी सदस्यों का योगदान काफी महत्वपूर्ण, सराहनीय है। हम सब ने मिलकर पिछले लॉक डाउन में हर दिन करीब 700 ये 800 राहगीरों , प्रवासी मजदूर को भोजन और पानी उपलब्ध कराया है और साथ ही साथ जरूरतमंद परिवार को सुखा राशन उपलब्ध कराया है।
इस वैश्विक महामारी को देखते हुए और रोकथाम में समाज के सभी वर्गों का योगदान आवश्यक है। हम सबको मिलकर इस महामारी बीमारी से लड़ना होगा वहीं हम लोगों को जिला प्रशासन का काफी सहयोग मिला।
युवा क्रांति रोटी बैंक के संस्थापक इंजीनियर विजय राज ने कहा की हम और हमारे सभी सदस्य हर दिन कुछ नया करने को सोचते हैं। जब केंद्र सरकार के द्वारा महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए लॉक डाउन की घोषणा की गई। तब हम सबने भी जरूरतमन्दों को भोजन करना बंद करने की सोची लेकिन उसी दिन सभी सदस्यों ने मिलकर ये निर्णय लिया कि भूखे को भोजन अगर हम देना बंद कर देंगे तो कितने लोग बीमारी से कम भूख से ज्यादा मर जायेंगे। तभी हर दिन केवल दो सदस्य शाम के शाम सड़कों पर भोजन बांटने का काम करते थे लेकिन जब पलायन बढ़ा तो युवा क्रांति रोटी बैंक के सभी सदस्यों ने संरक्षक को इसकी सूचना दी कि लगभग सौ भोजन से नहीं हो पा रहा है। तब संगठन के अभिभावकों के द्वारा और छपरा के जनसहयोग से हम हर दिन लगभग सात सौ लोगों को भोजन कराया। अपने जन्मस्थली छपरा में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हम सबने पूरे शहर को सैनिटाइजेशन कराने को सोचा जिसमें सबसे बड़ा योगदान अमितेश रंजन और जिला प्रशासन का रहा।
इस कार्य में युवा क्रांति रोटी बैंक सदस्य सुधाकर प्रसाद, विजय सिंह, सुजीत गुप्ता, मनीष मणि, विवेक चौहान, हरेंद्र राय, विनीत सिंह, रजत सिंह, संतोष सिंह, राशिद रिज़वी, विक्की जी, रौशन गुप्ता, विकास गुप्ता, दीपक पटेल मौजूद थे।