फन्दे में झूलती मिली विचाराधीन बन्दी की लाश, कैदियों ने लगाये जेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे।
शहडोल से मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
शहडोल जिला जेल अंतर्गत बुढ़ार उपजेल का मामला, प्रशासन पर हत्या और प्रताड़ना का आरोप। शिकायत पर कई वर्षों से पदस्थ अधिकारियों पर लंबित कार्यवाही, घटी बड़ी घटना।
जिले ही नहीं प्रदेश भर में सुर्खियां बटोर रहा जिला जेल शहडोल में कई वर्षों से पदस्थ अधीक्षक श्री जीएल नेटी की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हुआ है। शहडोल जिला जेल के उपजेल बुढ़ार में एक सुबह एक विचाराधीन बन्दी की लाश रेलिंग से फन्दे पर लटकती मिली।
मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। तो जेल में बन्द कैदी एक स्वर में घंटों तक जेल प्रशासन, जेल अधीक्षक मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।
शहडोल जिले जेल के अधीनस्थ उपजेल बुढ़ार में एक बड़ा मामला प्रकाश में आया। जब सुबह जेल का मुआयना करने पहुंचे अधिकारी को द्वितीय तल की सीढ़ियों की रेलिंग में लटका हुआ विचाराधीन बन्दी का शव दिखा तो मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लायी गई।
आपको बता दें कि जेल अधीक्षक श्री जीएल नेटी एवं उनके कर्मचारी पूर्व में भी कई गंभीर आरोपों से घिरे रहे हैं। जेल मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों से जांच एवं कार्यवाही की मांग की गई थी। वहीं कई वर्षों से पदस्थ जेल अधीक्षक स्थानांतरण नीति से भी अछूते हैं। शिकायतों में किसी बड़ी घटना की आशंका जताई गई थी, परन्तु कार्यवाही न होने का नतीजा आज उपजेल बुढ़ार में सामने आया है।
यह है ताजा मामला:
मृतक सज्जू उर्फ साजिद उम्र 32 वर्ष निवासी वार्ड नं0 17 संग्राम सिंह दफाई जो धारा 279, 337, 325, 307 तथा 104 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत् बुढ़ार न्यायालय में चल रहे मामले में उपजेल बुढ़ार में बन्द था। इसकी लाश गुरूवार की सुुबह जेल के चक्कर अधिकारी को द्वितीय तल में लटकी हुई मिली। सूचना मिलने पर SDM सोहागपुर सहित बुढ़ार थाना प्रभारी समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां जेल के कैदी एक सुर में लामबन्द होकर जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आये तो वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया। मृतक के शव को पोस्टमार्ट्म के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया है। जिसके बाद परिजनों ने चक्का जाम कर कार्यवाही की मांग की गई।
कटघरें में जेल प्रशासन:-
फन्दे पर लटकती लाश को देखकर जेल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग चुका है। वहीं जेल में बन्द अन्य कैदियों का लामबन्द होकर जेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाना जेल प्रबंधन की कार्यशैली को स्पष्ट कर रहा है। सवाल यह भी उठते हैं कि मृत कैदी दूसरे बैरक में बन्द था और उसकी लाश रेलिंग से लटकती हुई मिली। अगर कैदी बैरक में बन्द था और बैरक लाॅक था तो कैदी द्वितीय तल रेलिंग तक कैसे पहुंचा और उसे गमछा किसके द्वारा दिया गया तो क्या CCTV कैमरे की माॅनीटरिंग जेल प्रबंधन द्वारा नहीं की जा रही थी। ऐसे कई सवाल हैं जो जेलर बुढ़ार श्याम सिंह कुशवाहा एवं अधीक्षक शहडोल श्री नेटी को कटघरे में खड़े करने का कार्य कर रही है।
मृतक सज्जू उर्फ साजिद खान की रहस्यमय मौत के मामले में परिजनों ने पहले तो जेल प्रबंधन पर षड़यंत्रपूर्वक हत्या का आरोप लगाया। उसके बाद मृतक के शव के पोस्टमार्टम के बाद जब शव परिजनों के हवाले किया गया तो परिजनों ने स्थानीय आजाद चौक पर शव रखकर चक्का जाम करते हुए न्याय की गुहार लगाई। वहीं परिजनों ने मामले में किसी जायसवाल परिवार द्वारा जेल प्रबंधन को पैसे खिलाकर साजिद की हत्या का आरोप भी लगाया। मौके पर बुढ़ार पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचकर जांच का आश्वासन देकर चक्का जाम शान्त तो करा लिया किन्तु देखना यह होगा कि जांच के बहाने मामला कहीं ठण्डे बस्ते के हवाले तो नहीं कर दिया जाता।
चाय में जलकर हुई थी कैदी की मौत:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला जेल शहडोल में पूर्व में चाय से जलकर कैदी की मौत का मामला प्रकाश में आया था जिसके बाद भी न्यायिक जांच की बात की गई थी, किन्तु मामला समय के साथ लीपापोती कर ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया गया। आपको बता दें कि शहडोल जेल में एक कैदी की पूर्व में चाय से जलने की वजह से मौत हो गई थी। उस वक्त भी शहडोल जेल की कमान कथित अधीक्षक के हाथ में ही थी। यह शायद पहला मामला होगा जिसमें हट्टे कट्टे कैदी की मौत चाय ऊपर गिरने से हो गई थी। सूत्रों की माने तो इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी टैंपर किये गये थे और बयान बदलवाकर मामला रफा दफा कर दिया गया था, तो क्या अब बुढ़ार जेल मामले में भी ऐसी ही न्यायिक जांच की जायेगी।
प्यादों पर कार्यवाही:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरूवार फन्दे से लटकती विचाराधीन कैदी के मौत के मामले में जेल में पहुंचे अधिकारियों द्वारा प्रथम दृष्टता तरूणेन्द्र शेखर शुक्ला और गितेष मिश्रा नामक दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि पूरे कैदियों द्वारा लामबन्द होकर जेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये गये थे। जिसके बाद भी सिर्फ प्यादों पर ही कार्यवाही होना कहीं एक बाद फिर प्यादों पर कार्यवाही कर मामला रफा दफा करने का तो नहीं है। जेल अधीक्षक शहडोल और उनके कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप पूर्व में लग चुके हैं। जिसके बाद भी अधिकारी एक लम्बे अर्से से शहडोल में पदस्थ हैं। इतना ही नहीं इन दिनों जेल से वसूली का आडियो भी जमकर वायरल हो रहा है।
इनका कहना है:-
प्रथम दृष्टया दो सिपाहियों को लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। मामले की न्यायिक जांच करवायी जायेगी। मैं छः महीने से निरीक्षण में नहीं आया था। छः महीने पहले तक सब ठीक था।
जीएल नेटी जेल अधीक्षक, शहडोल
आज सुबह पौने दस बजे हमारे गार्ड मुख्य प्रहरी द्वारा बताया गया कि बन्दी ने फांसी लगा ली है जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। कैदी जो आरोप लगा रहे हैं वे अपना यहां से स्थानांतरण करवाना चाहते हैं।
श्याम सिंह कुशवाहा जेलर, उपजेल बुढ़ार
लामबन्द कैदियों के बयान लिये जायेंगे, ज्यूडिशियल जांच के बाद भी मामला स्पष्ट हो सकेगा। प्राथमिक तौर पर लापरवाही समझ में आ रही है। दो प्रहरियों पर कार्यवाही की गई है।
धर्मेन्द्र मिश्रा एसडीएम सोहागपुर।