भगवान महाकाल की पांचवी सवारी पूर्ण वैभव के साथ निकली।
मनमहेश पालकी में एवं चंद्रमौलेश्वर हाथी पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले।
उज्जैन से संजय शर्मा की रिपोर्ट।
उज्जैन 03 अगस्त। श्रावण के अन्तिम सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की सवारी परम्परा अनुसार पूर्ण वैभव से निकाली गई। पालकी में मनमहेश के रूप में तथा हाथी पर चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में विराजित भगवान शिव नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान महाकालेश्वर की सवारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर परिवर्तित मार्ग से निकाली गई। महाकालेश्वर मन्दिर से सवारी हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होकर नृसिंह घाट के निकट झालरिया मठ से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर भगवान महाकालेश्वर का मां शिप्रा के पवित्र जल से विधिवत पूजन-अर्चन किया गया एवं आरती की गई। शिप्रा तट पर मां शिप्रा को श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से चुनरी ओढ़ाई गई। सवारी परिवर्तित मार्ग से होती हुई हरसिद्धि मन्दिर मार्ग पहुंची। हरसिद्धि मन्दिर आगमन पर मन्दिर के पुजारियों द्वारा भगवान महाकालेश्वर की आरती की गई। यहां से भगवान महाकाल की सवारी पुन: महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची।
इसके पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पण्डित घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। पूजन में कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज सिंह, श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री एसएस रावत एवं महन्त श्री विनीत गिरीजी महाराज शामिल हुए। कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री मनोज सिंह ने पालकी को कंधा देकर आगे बढ़ाया।
रामघाट पर भगवान महाकालेश्वर की पालकी का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। यहां पर रक्षा बन्धन के अवसर पर मां शिप्रा को श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से प्रशासक श्री एसएस रावत एवं सहायक प्रशासक श्री मूलचन्द जूनवाल ने चुनरी ओढ़ाई। रामघाट पर इस दौरान विधायक श्री मुरली मोरवाल, श्री रामलाल मालवीय, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री करण कुमारिया, नगर निगम सभापति श्री सोनू गेहलोत, आईजी श्री राकेश गुप्ता, डीआईजी श्री मनीष कपूरिया, संभागायुक्त श्री आनंद कुमार शर्मा, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, एडीएम श्रीमती विदिशा मुखर्जी, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।