जिले में डायग्नोस्टिक टीम का सघन भ्रमण जारी। खेतों का भ्रमण कर कृषकों को दी सलाह।
हरदा 26 अगस्त 2020/कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की संयुक्त डायग्नोस्टिक टीम द्वारा जिले में सघन क्षेत्र भ्रमण किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में आज विकाखण्ड खिरकिया के ग्राम रिछाडिया, पिपल्या, मक्तापुर, मोरगढ़ी, भवनापुरा, लाल्याचापड़, घोडाघाट, सोनपुरा, हसनपुरा, रक्ट्या विकासखण्ड हरदा के ग्राम नीमगांव, ऐड़ाबेड़ा, पलासनेर, केलनपुर, बीड़, सेनगुड़ एवं विकासखण्ड टिमरनी के ग्राम पानतलाई, छिदगांवतमोली, कासरनी, नांदवा, डोलरिया, सिरकम्बा आदि गांवो में भ्रमण कर कृषकों के खेतों का निरीक्षण किया गया, सोयाबीन फसल के खेतों में पौधों के उपरी पत्ते सूखने का कारण तना मक्खी द्वारा तना में नुकसान करके लाल रंग का सुरंग व बुरादा जैसी संरचना का निर्माण कर दिया है। जिस कारण से फसलों में विगत कई दिनों बाद अचानक धूप पड़ने पर जैसे ही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया तेज हुई तो पौधों की जड़ों से नमी उपरी पत्तियां सूखने लगी।
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को अवगत कराया गया कि, वर्तमान में सोयाबीन फसल पर तना मक्खी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कहीं कहीं राजयोटोनिया ब्लाईट, एरियल ब्लाईट एवं उड़द की टी-9 प्रजाति में तना मक्खी एवं रायजोटोनिया ब्लाईट का प्रकोप देखने में आया है।
तना मक्खी के नियंत्रण के लिए लेम्डासायहेलोथ्रिन + थायमेथोक्जाॅम के काॅम्बिनेशन का 125 एम.एल. प्रति हेक्टयर अथवा बीटासायफ्लूथ्रिन 8.49 + इमिडाक्लोरोप्रिड 19.81 प्रतिशत ओ.डी. 350 एम.एल. प्रति हेक्टयर तथा राजोटोनिया ब्लाईट एवं एरियल ब्लाईट के नियंत्रण के लिए टेबूकोकोनाझोल + सल्फर (1 कि.ग्रा./है.) अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यू.जी. (500 ग्रा./है.) अथवा हेक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ई.सी. (800 मि.ली./है.) हाथ वाले पम्प से छिड़काव के लिए 500 लीटर पानी तथा पाॅवर स्प्रेयर से छिड़काव के लिए 250 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति टंकी एक-दो चम्मच वाशिंग पाउडर जो कि, कीटनाशक को पत्ती पर चिपकाने का काम करेगा, को मिलाकर छिड़काव करें, साथ ही विगत दिनों से हो रही लगातार वर्षा से खेतों में जलभराव की स्थिति ना होने दें तथा खेतों से जल निकास की उचित व्यवस्था करें।