सिलवानी SDM ने राजस्व एवं कृषि अधिकारियों के साथ खेतों में पहुंचकर देखी फसलों की स्थिति।

सिलवानी SDM ने राजस्व एवं कृषि अधिकारियों के साथ खेतों में पहुंचकर देखी फसलों की स्थिति।

सिलवानी से श्रीराम सेन की रिपोर्ट।

किसानों को कीट व्याधि सहित अन्य कारणों से खराब हुई फसलों के बचाव के लिए दी सलाह।

सिलवानी। रायसेन जिले में DM श्री उमाशंकर भार्गव के निर्देशानुसार राजस्व एवं कृषि अधिकारियों द्वारा खेतों का निरीक्षण किया जा रहा है। फसलों को कीट व्याधि से बचाव के लिए किसानों को तकनीकी सलाह दी जा रही है। SDM सुश्री संघमित्रा बौद्ध ने कृषि अधिकारियों के साथ सिलवानी तथा बेगमगंज तहसील क्षेत्र के घानाकला, बोरिया जागीर, ढाड़िया खानपुर तिगड्डा, खिरिया, तिनसुआ, घोघरी, केशलोन सहित अन्य गांवों में खेतों का भ्रमण कर खरीफ फसलों की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया।

Silvani SDM reached fields with revenue,agricultural authorities to see condition of crops.

निरीक्षण में कई स्थानों पर फसलों में कीट व्याधि रोग दिखाई डी। कहीं-कहीं कम एवं ज्यादा बारिश से फसलें प्रभावित मिली। कृषि अधिकारियों ने किसानों को फसलों के रोग एवं अन्य कारणों से खराब हुई फसलों के बचाव के उपाए बताए। फसल बोवनी के बाद पहले कम बारिश तथा तेज धूप के कारण फसले प्रभावित हुई है तथा बाद में अचानक हुई जोरदार बारिश के चलते भी फसलें खराब हुई है। SDM सुश्री संघमित्रा बौद्ध, कृषि वैज्ञानिक श्री प्रदीप द्विवेदी तथा उप परियोजना संचालक आत्मा श्री एसके दोहरे ने बेगमगंज, डांडिया, कटंगी, घोघरी, टिंसरा, केशलोंन, बोरिया, सिलवानी, सियामऊ, कीरतपुर, बर्धा बम्होरी का दौरा कर खेतों में पहुंचकर खराब हुई सोयाबीन, उड़द, मूंग, मक्का इत्यादि फसलों को देखा। यहां उन्होंने प्रभावित फसलों के मालिक किसानों से बातचीत भी की। कृषि वैज्ञानिक एवं अमले ने किसानों को फसलों में लगने वाले रोगो से बचाव के उपाए बताए। उन्होंने रोगों से बचने के लिए कीटनाशकों के उपयोग की अपील की। साथ ही 31 अगस्त तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाने की अपील भी की। ताकि वास्तविक रूप में किसानों को राहत मिले। इस दौरान सहायक संचालक कृषि श्री दुष्यन्त धाकड़, अनुविभागीय अधिकारी कृषि श्री जीएस रैकवार, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जेपी तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Silvani SDM reached fields with revenue,agricultural authorities to see condition of crops.

किसानों को बताए सोयाबीन फसल को रोग से बचाने के उपाय:

कृषि वैज्ञानिक द्वारा सोयाबीन की फसल में राइजोक्टोरिया रूट रॉट व राइजोक्टोरिया एरियल ब्लाईट फंगस से प्रभावित होने पर किसानों को बचाव के लिए सलाह दी गई। सोयाबीन के तने पर लाल भूरे धब्बे दिखाई देते हैं व जड़ सूख जाती है। साथ ही तना नीचे से ऊपर की तरफ सूखता है। यह एक मिट्टी व बीज जनित रोग हैं और प्रभावित फसल में चकत्ते बनाकर दिखता है। इस रोग के नियंत्रण के लिए हैक्साकोनाजोल 5 ईसी 800 मिली/हैक्टेयर या पाइरोक्लीस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यूजी 500 ग्राम/हैक्टेयर या टेब्यूकोनाजोल 625 मिली/हैक्टेयर में से किसी एक दवा का 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। राइजोक्टोरिया रूट रॉट के प्रकोप का कारण लगातार 2-3 हफ्तों तक बारिश न होना, उसके बाद अत्याधिक बारिश का होना है। नमी की कमी के कारण यह रोग दिखाई दे रहा है।

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