गणेशोत्सव का समापन। न रंग गुलाल न बाजा-गाजा, सादगी से विदा हुए बप्पा।

गणेशोत्सव का समापन। न रंग गुलाल न बाजा-गाजा, सादगी से विदा हुए बप्पा।

जावर से अदनान हुसैन की रिपोर्ट।

नगर सहित तहसील क्षेत्र में 1 सितंबर को गणेश विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार विसर्जन बिना डीजे तथा बाजे गाजे व सादगी से किया।

The end of ganesh festival. A life without a living, clean and haughty depending on one ‘s dignity.

सड़कों पर न गुलाल उड़े न ही धुमधड़ाका हुआ। परिवार के साथ व नगर परिषद द्वारा की गई व्यवस्था से मूर्तियों को ग्वाला ग्वाली रोड पर स्तिथ सिंगहन लेकर पहुंचे तथा पूजन कर विसर्जन किया।

सुबह ही से विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। इस साल कोरोना संक्रमण के कारण नगर सहित जावर तहसील में केवल छोटी प्रतिमाओं की ही स्थापना की गई थी।

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विसर्जन के चलते सुरक्षा के लिए

जवान जैकेट के साथ तैनात रहे। हर साल विसर्जन में डीजे तथा बैंड के साथ लोग नाचते गाते रंग गुलाल उड़ाते विसर्जन स्थल पहुंचते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

विसर्जन करने के लिए पहुंचे आशीष सोनी प्रवीण परिहार विजेंद्र सेन अंकित सोनी जयेश जोशी सुनील श्रीवास्तव सागर पांचाल आदि युवाओ ने कहा कि प्रतिवर्ष भगवान हर साल बाजे गाजे के साथ विसर्जन करने पहुंचते थे लेकिन इस बार कोरोना के कारण सादगी से विसर्जन किया गया विसर्जन में शासन नियमों का पालन किया गया।

विसर्जन के दौरान मौजूद था प्रशासनिक अमला

विसर्जन स्थल सिंगहन पर विसर्जन के दौरान तहसीलदार रत्नेश श्रीवास्तव मुख्य नगरपालिका अधिकारी सैयद मकसूद अली सहित पुलिस के जवान पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद रहे ।

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