ऋणी किसान का बारिश ने तोड़ा बंधा पहुंचाया लाखों का नुकसान।
सूरजपुर से पप्पू जायसवाल की रिपोर्ट।
कर्जदार किसान अपना परिवार बचाए कि ऋण चुकाए छा गया संकट के बादल।
सूरजपुर जिले के चाँदनी बिहारपुर की ग्राम पंचायत नवगई, महुली, कोल्हुआ, उमझर, करौटीं, खैरा, मोहरसोप, पेण्डारी, ठाड़पाथर, बेगारीडांड, नावाटोला, कुबेरपुर, खालबहरा, अवंतिकापुर समेत कई गांवों में किसानों की विशेष रूप से गहिरा की धान की फसल को बहुत ज़्यादा क्षति हुई है। अवंतिकापुर के किसान मनिजर प्रसाद सोनी आत्मज रामनरेश सोनी के द्वारा धान की फसल लगाई गई थी। धान की फसल लगाने के लिए किसान के द्वारा लगभग 50 हजार की नगद खाद्य तथा बीज सभी मिलाकर ऋण लिया गया है। ऐसे में किसान को अब परिवार को भी चलाना मुश्किल लग रहा है। चलाए भी तो कैसे ऋण की परेशानी सबसे ज्यादा चिंताजनक है।
अब किसान को भारी लग रहा है। प्रत्येक साल किसान के द्वारा लगभग 35 क्विंटल से ज्यादा की धान को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में धान बेची जाती थी। अब उसके पास संकट सा छा गया है कि अब ऐसे में उसे धान खाने के लिए भी बचाना मुश्किल सा लग रहा है। एक बरसात ऐसी होती है जो किसानों की फसल को बचाती है। यह कैसी बरसात हुई की यह किसान की आजिविका जिसमें पूरा परिवार भूख से मुक्त था ऋण भी चुका जाता था वह सब उजड़ गया।
दो सितंबर दिन बुधवार सुबह की बात है अचानक मौसम बदला और ऐसा पानी गिरा कि सारा नदी तालाब पुल और पुलिया सड़क टूट कर धराशायी सा हो गया। सब तरफ पानी ही पानी हो गया। उसी दिन इस किसान का चार बंधा टूट कर उसकी फसल लगी धान को ध्वस्त कर दिया। जिसे लगभग 70 प्रतिशत से ऊपर धान की क्षतिग्रस्त हो गई है।
किसान अपनी फसल की पहले ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सहकारी समिति जहाँ पर धान की खरीदी होता है वहाँ बीमा करवा चुका है। अब देखना यह है कि सरकार इस किसान की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कितनी मदद करती है। किसानों का बीमा इसीलिए होता है कि कहीं किसानों की संकटकाल में सूखाग्रस्त तथा बाढ़ प्रभावित में फसल को क्षति होती है तो उसकी हर संभवतः प्रयास कर मदद किया जावेगा।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी राघवेन्द्र शुक्ला को मौखिक फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दिया गया तो कृषि विस्तार अधिकारी शुक्ला ने मौके में जाकर देखकर यह आंकलन किया कि 70% से ऊपर धान की क्षतिग्रस्त किसान की फसल नुकसान पहुंचा हैं। वह अपने वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारि को मौखिक एवं लिखित दोनों रूप से अवगत करा चुके हैं।