किसान संघर्ष समिति की 275 वी किसान पंचायत ऑनलाइन संपन्न।

किसान संघर्ष समिति की 275 वी किसान पंचायत ऑनलाइन संपन्न।

मुलताई से अफ़सर खान की रिपोर्ट।

किसानों से कि 14 सितंबर के आंदोलन में शामिल होने की अपील।

स्वामी अग्निवेशजी को दी श्रद्धांजलि।

तीनों किसान विरोधी अध्यादेशों के विरोध में सोनिया गांधी जी बुलाएं सम्पूर्ण विपक्ष की बैठक।

जंगली जानवरों द्वारा नष्ट की जा रही फसलों का मुआवजा या मारने का अधिकार दे सरकार।

आज किसान संघर्ष समिति की 275 वीं किसान पंचायत ऑनलाइन संपन्न हुई। किसान पंचायत की शुरूआत किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ.सुनीलम द्वारा स्वामी अग्निवेश जी को श्रद्धांजली देकर की। किसान पंचायत में प्रदेश के विभिन्न जिले के पदाधिकारियों द्वारा अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों के अलावा अलग-अलग मुद्दों पर विचार रखे गए। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ.सुनीलम ने बताया कि मुलताई गोलीचालन के बाद स्वामी अग्निवेश जी द्वारा मुलताई किसान आंदोलन को किया गया सहयोग भुलाया नहीं जा सकता। सुरेंद्र मोहन जी के साथ उन्होंने किसान संघर्ष समिति को जीवित रखने में तथा किसानों पर किए जा रहे पुलिस दमन को रोकने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जब आष्टा में किसान पंचायत हुई तथा पंचायत परिसर में पुलिस प्रशासन द्वारा किसान पंचायत नहीं करने दी जा रही थी तब एक खेत में उन्होंने महापंचायत को संबोधित कर उस मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दी थी जिससे उनकी मित्रता रही थी। स्वामी अग्निवेश जी की ख्याति बंधुआ मजदूरों के मुद्दों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के तौर पर स्थापित करने को लेकर रही। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को बंधुआ मजदूरों के मुक्ति और पुनर्वास को लेकर कानून बनाने को मजबूर किया। डॉ.सुनीलम ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की है कि जिस तरह उन्होंने जेईई एनईईटी को लेकर विपक्ष की बैठक बुलाई, उसी तरह की किसान विरोधी अध्यादेशों का विरोध करने के लिए वे संपूर्ण विपक्ष की बैठक बुलाएं।

The peasants struggle committee concluded 275th kisan panchayat online.

सीधी से रोको, टोको, ठोको आंदोलन के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। जिसका सरकार ना तो मुआवजा देती है ना नियंत्रित करती है। सरकार या तो जंगली जानवरों को मारने का अधिकार दे या मुआवजा।किसंस के मालवा-निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में मोदी सरकार किसान विरोधी तीन अध्यादेश ला रही है उसका देशभर के किसानों को डटकर विरोध करना चाहिए। फसल बीमा की स्थिति पर बोलते हुए श्री मंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के साथ एक मजाक बन गई है। सोयाबीन, मक्का और तमाम फसलें भारी बारिश और बीमारी से तबाह हो गई हैं। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर को इंदौर, उज्जैन सहित मालवा निमाड़़ के अधिकांश जिलों में तीनों अध्यादेश की होली जलाई जाएगी तथा किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा। किसंस उपाध्यक्ष एड.आराधना भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो किसान विरोधी अध्यादेश लाने जा रहे हैं वह सिर्फ किसान विरोधी ही नहीं, देश के आम नागरिकों के विरोध में भी है। ये अध्यादेश किसानों के साथ-साथ आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डालेगा। ठेका खेती अध्यादेश में किसान जो आज स्वयं मालिक है, इस अध्यादेश के आने के बाद वह अपने ही खेत में नौकर बनकर काम करने को मजबूर होगा। इसलिए इस अध्यादेश का विरोध करना जरूरी है।

The peasants struggle committee concluded 275th kisan panchayat online.

हरदा से किसंस के जिला अध्यक्ष योगेश तिवारी ने कहा कि सरकार द्वारा कहा गया था कि गरीबों को राशन की पर्चियां उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन अभी तक ना उन्हें राशन मिला है, ना ही पर्ची जबकि राशन की पर्चियां दफ्तरों में रखी हुई हैं। अब अगले माह से राशन देने का आश्वासन दिया जा रहा है। विदिशा से किसंस जिलाध्यक्ष राजेश तामेश्वरी ने कहा कि 2019 का फसल बीमा नहीं मिला तथा इस वर्ष सोयाबीन, उड़द, मूंग, मक्का की फसल अतिवृष्टि से नष्ट हो गई है जिससे किसान कर्जदार बन गया है। कर्ज से मुक्ति के लिए किसानों के बैंकों का कर्ज माफ तथा बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए। झाबुआ जिलाध्यक्ष गोपाल डामोर ने कहा कि झाबुआ जिले में 70 वर्षों से काबिज आदिवासियों को खेती योग्य जमीन का पट्टा नहीं दिया जा रहा है। किसानों, मजदूरों का बैंक में खाता आधार लिंक नहीं होने से उन्हें बार-बार बैंकों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। दिल्ली मुंबई 8 लाइन सड़क निर्माण में आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित की है जिसमें आधे से अधिक लोगों को मुआवजा नहीं मिला है।मुलताई से किसान संघर्ष समिति के भागवत परिहार ने कहा कि लॉकडाउन के समय सब्जी उत्पादक किसानों को नुकसान हुआ है तथा अब अतिवृष्टि से सब्जी की फसलें नष्ट हो गई है। जिससे किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकारों ने अभी तक सब्जी उत्पादक किसानों के लिए कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं। नष्ट हुई सब्जी की फसलों का भी मुआवजा दिया जाना चाहिए।

ऑनलाइन बैठक में दिनेश सिंह कुशवाहा, संतोष सोनी उमेश झोड़, कृपालसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। फेसबुक के माध्यम से 500 से अधिक किसान ऑनलाइन किसान पंचायत में शामिल हुए।

भागवत परिहार किसंस कार्यालय प्रभारी, मुलताई 9752922320

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *