सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व ANM मीना ओमरे के विरुद्ध नहीं हुई कोई कार्यवाही भटकते रहे परिजन।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व ANM मीना ओमरे के विरुद्ध नहीं हुई कोई कार्यवाही भटकते रहे परिजन।

अमानगंज से दीपेंद्र विश्वकर्मा की रिपोर्ट।

परिजन के बुलाने से नहीं पहुंचे थे BMO अमानगंज डॉ.अमित मिश्रा।

यह मामला पन्ना जिले के अमानगंज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जिसमें पदस्थ नर्स ANM मीना ओमरी के विरुद्ध नहीं हुई कोई कार्यवाही। अमानगंज में यह मामला दिनांक 10 सितम्बर 2019 दिन मंगलवार को सुबह 6:00 बजे प्रसव पीड़ा उपरांत आवेदक उनकी गर्भवती पत्नी दीपा विश्वकर्मा को समुदायिक स्वस्थ केंद्र अमानगंज में प्रसव हेतु भर्ती कराने ले गया था। ड्यूटी पर तैनात ANM मीना ओमरे ने पीड़िता को भर्ती कर लिया एवं प्रसव कराने के एवज में आवेदक से रिश्वत के रूप में 15 सौ रुपए की मांग की। प्रसव सुबह 5:00 होने के बाद उपरांत इनके पास कुल राशि तेरह सौ थी जो इन्होंने मीना ओमरे को दे दिए थे। पैसा पूरा ना मिलने के कारण ANM ने पीड़िता के साथ अयेई लोगों से अभद्रता पूर्वक बात की। मांगे गये पूरे पैसे प्रसूता के परिजनों से नहीं मिलने के कारण ANM द्वारा प्रसूता के इलाज में लापरवाही बरती गई।

No action taken against former ANM Meena Omre at Community Health Center.

जब प्रसूता को अत्यधिक खून रिसाव होने लगा और उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तब ANM द्वारा प्रसूता के इलाज के लिए मना कर दिया गया। प्रसूता के परिजनों द्वारा BMO अमानगंज डॉ.अमित मिश्रा को बुलाया गया लेकिन वह भी मौके पर नहीं आए। प्रसूता की तबीयत बिगड़ती देख तो ANM मीना ओमरे अपनी ड्यूटी के पहले ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़कर चली गई।

परिजनों के बार-बार बुलाने से भी नहीं आए थे BMO डॉ.अमित मिश्रा…

दूसरी ड्यूटी पर आई ANM नर्स के द्वारा पीड़ित की पत्नि को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज से पन्ना के लिए भेज दिया गया। जिसके बाद पीड़ित की पत्नी दीपा विश्वकर्मा को पन्ना जिला चिकित्सालय ले आया गया जहां पर ज्यादा खून रिसाव की वजह से प्रसूता की मौत हो गई।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक साल बीत जाने के बाद आज दिनांक तक आरोपी ANM पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। इसके उपरांत यह केस तीन-चार दिन के अंतर्गत ANM मीना ओमरे को ना हटाने के उपरांत उसने वैसा ही एक केस को फिर से अंजाम दिया था। जिसमें उस परिवार की बहू की भी मौत हो गई थी। ANM मीना ओमरे के खिलाफ आज दिनांक तक कोई कार्यवाही भी नहीं हुई है जिसकी लिखित शिकायतें भी की गई। शिकायतों के बाद भी आज दिनांक तक कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसे में देखा जाए तो कार्यवाही के नाम पर लीपापोती एवं भ्रष्टाचारी की कहीं ना कहीं से बू आ रही है

परिजनों ने जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों पर लगाया आरोप…

कहने को तो डॉक्टर हो या नर्स उसे भगवान का दूसरा नाम दिया जाता है लेकिन जब भगवान ही अत्याचार करें तो उसका सबक भी उसको मिलता है। इसमें तो परिजनों का आरोप है कि ना आज तक हमारी बहू को न्याय के लिए दर-दर भटकते रहे लेकिन मृतक के परिजनों को आज तक न्याय नहीं मिला। आवेदन के माध्यम से स्वयं कलेक्टर साहब एवं कानून विभाग की कमान संभालने वाले एसपी साहब को ही आवेदन के माध्यम से अवगत कराया था। जिला चिकित्सा अधिकारी एलके तिवारी को भी आवेदन के माध्यम से अवगत कराया था लेकिन आज दिनांक तक कार्रवाई के नाम पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसमें देखा जाए तो कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की लकीर को पार करने की कमान से अधिकारी एवं न्याय के नाम पर इधर-उधर भटकते रहे परिजन।

बच्चे के सिर से उठा था मां का साया…

कहते हैं सर्वप्रथम बच्चे की देखभाल की मां की भूमिका रहती है लेकिन यह आरोप परिजनों ने लगाया है कि ANM मीना ओमरे को 15 सौ रुपए की रिश्वत ना देने पर मीना उमरे द्वारा प्रसूता का गलत तरीके से इलाज किया गया था जिसपर और आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही।

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