सूरजपुर में हड़ताल में बैठे समस्त 448 एनएचएम कर्मियों ने कहा मांगे पूरी नहीं की जाएगी, तो नहीं लौटेंगे वापस।

सूरजपुर में हड़ताल में बैठे समस्त 448 एनएचएम कर्मियों ने कहा मांगे पूरी नहीं की जाएगी, तो नहीं लौटेंगे वापस।

सूरजपुर से पप्पू जायसवाल की रिपोर्ट।

सूरजपुर। किसी एक पर भी कार्यवाही हो तो पूरा संघ त्याग पत्र देने को तैयार है। हड़ताल में जिला सूरजपुर के सभी 6 ब्लॉक से अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हुवे, और सभी डॉक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, स्टाफ नर्स ने अपना सारा कार्य बंद किया जिससे स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था चरमरा गई है। फिर भी शासन के कानों में जूं नही रेंग रही है। लगता है शासन की मंशा 10-20 कर्मियों की जान लेने की है।

All 448 NHM personnel in surajpur hospital demand would not be met, if not returned.

ज्ञातव्य हो कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी जनघोषणा पत्र में प्रदेश के सभी एनएचएम कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री और तब के चुनावी जनघोषणा पत्र प्रभारी, श्री टी एस सिंहदेव द्वारा सरकार बनने के 10 दिन के भीतर नियमित करने का वादा किया थाI सब्जबाग दिखा कर कांग्रेस ने सरकार तो बना ली लेकिन अपने वादे से मुकर गई।

All 448 NHM personnel in surajpur hospital demand would not be met, if not returned.

इधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डैमेज कंट्रोल के नाम पर तानाशाही रवैया अपनाते हुए, एस्मा का हवाला देते हुए सेवा से पृथक करने की चेतावनी तो जारी कर दी गई है लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है जबकि होना ये चाहिए था कि सरकार कर्मचारी नेताओं को बुलाकर उनसे चर्चा करती और बीच का कोई रास्ता निकालती ताकि कोरोना संकट के इस भीषण समय में प्रदेश की जनता को कठिनाई ना हो I ऐसा लगता है सरकार अपने दमनकारी दाँव पर जरूरत से ज्यादा भरोसा कर रही है, उन्होंने अंतिम व्यक्ति के जीवित रहते तक नियमितीकरण की लड़ाई लड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई I राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी और अधिकारी बिल्कुल भी झुकने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

All 448 NHM personnel in surajpur hospital demand would not be met, if not returned.
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