बेलगाम पुलिसकर्मीयों पर SP की बड़ी कार्यवाही।
जोबट अलीराजपुर से चयन खत्री की रिपोर्ट।
जोबट। लोकतांत्रिक प्रशासन में विधि द्वारा स्थापित भारतीय संविधान को लागू करना, समाज में अपराध को रोकना एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस की होती है, लेकिन इन जिम्मेदारियों को अक्सर दर किनार करते हुए पुलिसकर्मी अपनी कर्तव्य विमुखता एवं अमानवीय कृत्यों से समूचे पुलिस तंत्र पर बदनुमा दाग लगा रहे हैं।
ऐसा ही मामला जोबट थाने में लॉक डाउन के समय अप्रैल माह में हुआ था। कुछ पत्रकारों द्वारा लॉकडाउन के समय पुलिस का मनोबल न गिरे इस कारण समाचार प्रकाशित करने के बजाय SP अलीराजपुर को जोबट पुलिस की अवेधानीक कार्यवाही जनमानस पर बर्बरता का विडीयो भेज कर पुलिस व्यवस्था की पोल खोली थीं। जिसके चलते SP ने तत्काल सम्बन्धित उपनिरीक्षक को वहां से हटा कर अन्य थाने में पदस्थ कर दिया था लेकिन इस पुलिसकर्मी के मित्रों में इन पत्रकारों से बदले की भावना उबाले मार रही थी और आफिस में बैठ समाचार बना रहे दैनिक प्रसारण पत्रकार आकाश उपाध्याय, स्वराज एक्सप्रेस पत्रकार मनीष वाणी सहित अन्य के खिलाफ झुठा मुकदमा दर्ज कर दिया। दिखाया गया कि पत्रकार लाकडाउन का उलंघन कर रहे हैं जबकि देश के प्रधानमंत्री लॉकडाउन में मीडिया के जज्बे और सहयोग की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। ऑफिस में इस कार्यवाही के समय पुलिस द्वारा बनाए गए विडीयो को सोशल मिडीया पर वायरल कर पत्रकारों की छवी धूमिल कर मानसिक प्रताड़ित किया गया। इस झूठी कार्यवाही के संबंध में पत्रकार आकाश उपाध्याय ने 11 मई 2020 को DGP भोपाल और SP अलीराजपुर को शिकायत दर्ज कर निष्पक्ष जांच एवं उचित कार्यवाही की मांग की थी। प्रेस क्लब द्वारा भी गत 18 अगस्त 2020 को साथी पत्रकार आकाश उपाध्याय की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने हेतु SP श्री विपुल श्रीवास्तव को इन पुलिसकर्मीयो के खिलाफ शिकायत पत्र दिया था।
शिकायत पत्र को SP ने तत्काल संज्ञान में लिया और जांच पुनः SDOP श्री दिलीप बिलवाल को सौंपी गई। जांच में प्रेस क्लब, संबंधित पत्रकार द्वारा पुलिस की झुठी कार्यवाही के समस्त दस्तावेज एवं बयान प्रस्तुत किए गए।
SDOP के जांच प्रतिवेदन में सभी के बयानों और प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर SP श्री विपुल श्रीवास्तय ने पाया की वीडियो बनाकर पत्रकारों को बदनाम और मानसिक प्रताड़ित करने की साजिश के तहत वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। जिसमें तत्कालीन आम्बुआ थाना प्रभारी भूपेंद्र खरतीया सहित आरक्षक दोषी पाए गए। SP द्वारा कार्यवाही करते हुए आम्बुआ थाना प्रभारी भुपेन्द्र खरतीया पर 2000 रुपए का अर्थदण्ड और आरक्षक गणेश डावर, विजय भाभर, निलेश वसुनिया पर निंदा प्रस्ताव की कार्यवाही की गई। SP की निष्पक्ष जांच कर अपने ही विभाग के कर्मचारियों को दोषी पाये जाने पर दंडात्मक कार्यवाही करने पर प्रेस क्लब जोबट ने श्री विपुल श्रीवास्तव का आभार माना।
कानून व्यवस्था का सफल संचालन तभी संभव है, जब पुलिस महकमे का हर शख्स अपने कर्तव्यों तथा अधिकारों को भली-भांति समझकर उनका उचित ढंग से निर्वहन करे, लेकिन निर्दोष लोगों को अकारण प्रताड़ित करने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण आम जनमानस में पुलिस की छवि में निरंतर गिरावट आ रही है: मनीष जोशी प्रेस क्लब अध्यक्ष।
सत्य और स्वाभिमान की इस लड़ाई में SP की निष्पक्ष जांच और कार्यवाही के लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा: आकाश उपाध्याय पत्रकार।