हाथरस की घटना पर तीव्र विरोध करते हुए पीड़िता के हत्यारों को फांसी की मांग की।

हाथरस की घटना पर तीव्र विरोध करते हुए पीड़िता के हत्यारों को फांसी की मांग की।

बैतूल से ब्यूरो अफ़सर खान की रिपोर्ट।

हाथरस घटना की न्यायिक जांच व दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने एवं पीड़िता के परिजनों को पूर्ण सुरक्षा की गारंटी और क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया।

Strong protest at accident hathras, victims of victim asked hanged.

लगातार देश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वंचित समाज की महिलाओं व बच्चियों पर अन्याय, अत्याचार, बलात्कार, हत्या जैसे अमानवीय घटनाएं लगातार होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता जो वाल्मीकि समाज की थी उसने आखिरकार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। चंदपा थाना क्षेत्र की रहने वाली दलित युवती के साथ 14 सितंबर 2020 को गैंगरेप हुआ था जिसमें सभी आरोपी उच्च जाति के हैं।

Strong protest at accident hathras, victims of victim asked hanged.

अपने उच्च जातीय अहंकार और मर्दानगी का अमानुषिक प्रदर्शन करते हुए आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना केवल बलात्कार किया बल्कि जान से मारने के लिए उसे बेरहमी से पीटा, उसका गला रेता जिसमें उसकी गर्दन टूट गयी। पीड़िता के शरीर की कई हड्डियां को तोड़ने के बाद भी दरिंदों का जी नहीं भरा तो पीड़िता की जीभ काट दी और उसे मरा हुआ समझ आरोपी घटना स्थल से चले गए। आज मध्य-प्रदेश के खरगोन, यूपी के बुलंदशहर मे फिर एक और लड़की अमानवीय मनुवादी पितृसत्ता के वर्चस्व का शिकार हो गयी।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले तो घटना को अफवाह बताया फिर दबाब बढ़ने पर दुष्ट बलात्कारियों को बचाने का प्रयास किया। ऐसे में जीवन के लिए संघर्ष कर रही लड़की को इलाज़ मुहैय्या कराने के लिये परिजनों को यहां वहां भटकना पड़ा। शुरुआत में स्थानीय प्रशासन और पुलिस पूरे मामले को लगातार दबाने का प्रयास करती रही। क्योंकि कथित योगी के रामराज्य में नृशंस बलात्कार होना रामराज्य की छवि को धूमिल कर सकता था।

मीडिया को इस बात से भी फर्क पड़ता है कि पीड़िता किस जाति से है। चूंकि रेप पीड़िता हिन्दू धर्म के अनुसार कथित नीची जाति से आती है इसलिए भी उनके लिए यह गम्भीर मुद्दा नहीं है। इसलिए मीडिया इस जघन्य और निर्मम हत्या के प्रति उदासीन है।

ऐसे समय में इस देश के उन तमाम प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष, जनवादी और अम्बेडकरवादी, संविधानवादी संगठनों और लोगों की ना केवल जिम्मेदारी है बल्कि दायित्व भी है कि पीड़िता और ऐसी ही हजारों लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष छेड़ें और जातिविहीन शोषण मुक्त समाज के लिए आवाज बुलंद करें। इस दरिंदगी की घटना और उत्तरप्रदेश सरकार के मनुवादी जनविरोधी रवैये की तीव्र निंदा करते हुये आज एक अकटूबर 2020 को माननीय राष्ट्रपति महोदय के नाम चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा को भीम आर्मी, वाल्मीकि समाज, उड़िया समाज, जयस, पंचशील बुद्ध विहार पाथाखेड़ा, sc-st काउंसिल, सीपीआई एवं त्रिरत्न बौद्ध विहार सारणी सहित तमाम संविधान वादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुये उत्तरप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। दुष्ट बलात्कारियों को कठोर दंड दिए जाने सहित पीड़िता के परिजनों को पूर्ण सुरक्षा व उचित क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
ज्ञापन में उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ कृष्णा मोदी, नीतू नर्र, एडवोकेट राकेश महाले, आशीष खातरकर, रितिक परते, प्रभु मसतकर, भूतपूर्व सैनिक मुन्नालाल कापसे, रामा वाईकर, राजू पाटिल, सोनू सोनी, प्रवीण सातनकर, लक्ष्मण झरबड़े, हरीश पटेल, रवि थोराट, सुमित हुरमाडे, लक्ष्मण मालवीय, परमानंद बावरिया, राजेश सिन्हा, सन्नी भूमरकर, बसंत इरपाचे, संतोष कैथवास, जयप्रकाश खातरकर, सुरेश तायडे, शुभम महाले, संदीप तायड़े, बंटी ऊईके, हरेंद्र भारती सहित अन्य साथीगण उपस्थित थे।

ब्यूरो चीफ अफसर खान की रिपोर्ट।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *