विदेशों से की पढ़ाई अब कर रहे पिता के सपनों को पूरा।
रहटगांव से नीलेश गौर की रिपोर्ट।
रहटगांव। किसी ने क्या खूब कहा है – ” काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए, यहां जिंदगी तो सभी काट ही लेते हैं, जिंदगी जियो ऐसे कि मिसाल बन जाए।” पिता का सपना था बेटा डॉक्टर बने और गांव में रहकर ग्रामीणजन एवं गरीब असहाय लोगों की सेवा करे। ग्राम दुलिया के प्रतिष्ठित किसान स्वर्गीय श्री राजेंद्र पारे के छोटे बेटे डॉ.अम्बर पारे विदेश से पढ़ाई करने के बाद अब दुलिया में रहकर अपने पिता के सपनों को पूरा कर रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉ.अम्बर पारे मेडिकल साइंटिस्ट, लाइफ़स्टाइल, मेडिसिन, माइंड बॉडी मेडिसिन स्पेशलिस्ट और नेचुरोपैथी स्पेशलिस्ट हैं एवं रॉयल सोसाइटी ऑफ़ मेडिसिन लंदन के फैलो हैं।
डॉ.अम्बर पारे ने मास्टर्स इन अल्टरनेटिव मेडिसिन टेक्सिला अमेरिकन यूनिवर्सिटी पीजीडीएचएचएम, पीजीडीसीएफटी, बीडीएस आदि शिक्षा ग्रहण की हैं। इन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन से भी सम्मानित किया जा चुका है। डॉ.अम्बर पारे गांव दुलिया में गरीब वंचित और असहाय लोगों को नेचुरोपैथी के माध्यम से इलाज करते हैं। डॉ.अम्बर पारे की ख्याति विदेशों में भी है। इनके पास ब्रिटेन, सिंगापुर, दुबई, जर्मनी, मॉरीशस, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी आदि कई देशों से लोग ऑनलाइन परामर्श लेते हैं।