108 आपातकालीन सेवा मजाक बनकर रह गई। 6 घण्टे के बाद भी पीड़ित को नही मिल पाई सुविधा।
उदयपुरा ब्यूरो रिपोर्ट पर्वत सिंह राजपूत।
उदयपुरा। मध्यप्रदेश शासन के द्वारा पूरे प्रदेश में 108 इमरजेंसी सेवा चलाई जा रही हूं। जैसा कि नाम से ही विदित है की 108 आपातकाल के समय किसी भी पीड़ित के द्वारा 108 डॉयल करने पर सुविधाओं को तुरंत मुहैया कराया जाता है। लेकिन अब आपातकाल की सुविधा महज मजाक बनकर रह गई है। ग्राम सतेहरी निवासी मुकेश लोधी ने बताया कि वह बहुत गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। मेहनत मजदूरी कर कर परिवार का पालन पोषण करते हैं कोरेना काल में काम ना मिलने के कारण आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ गई इसलिए उनके पास इलाज कराने तक के रुपए नहीं थे। उनके द्वारा बताया गया कि उनकी पत्नी श्रीमति मोहनी लोधी का प्रसव 6 अक्टूबर 2020 को हुआ था। स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा 10 अक्टूबर 2020 को सुबह 10:00 बजे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस कारण आपातकाल 108 को सुबह 10:00 बजे से ही शाम 5:00 बजे तक चार बार फोन लगाए गए लेकिन उनको 108 की सुविधा प्राप्त नहीं हो पाई जबकि 108 को फोन लगाने के बाद 15 से 30 मिनट के अंदर पीड़ित व्यक्ति के पास 108 पहुंच जाती है।
यदि ऐसे ही हालात और लापरवाही बरती गई तो कई मरीजों की जान भी जा सकती है। शासन प्रशासन को इस और गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।