एक जिला एक उत्पाद के तहत कलेक्टर ने खेत पर पहुंचकर किसानों को दी सलाह।

एक जिला एक उत्पाद के तहत कलेक्टर ने खेत पर पहुंचकर किसानों को दी सलाह।

बड़वानी से अमजद मंसूरी की रिपोर्ट।

DM ने दी किसानों को सलाह, अपने उत्पादन को बेचे कृषक उत्पादक कम्पनी बनाकर। एक जिला एक उत्पाद के तहत जिले हेतु चयनित ‘‘अदरक‘‘ फसल की जानकारी किसानों को देने हेतु बड़वानी कलेक्टर, बुधवार को ग्राम लोनसरा के कृषको के खेत पर पहुंचे। इस दौरान उन्होने जहां कृषको से अदरक संबंधित जानकारी प्राप्त की, वहीं उन्हें बताया कि ‘‘कृषक उत्पाद कम्पनी एफपीओ ‘‘ बनाकर हर कृषक अपने उत्पादित फसल का बीस-गुणा मूल्य प्राप्त कर सकता है।कृषको को बताया कि बाजार में आलू बीस रूपये किलो बिकता है, किन्तु जब इसी आलू से चिप्स बन जाती है, तो उसका मूल्य बीस गुणा बढ़कर, दो सौ रूपये किलो हो जाता है। हमें अदरक को भी इसी प्रकार मूल्यवान उत्पाद में बदलकर विक्रय करना होगा और यह हो पायेगा कृषक उत्पाद कम्पनी के माध्यम से ही।

Under one district one product, DM reached farm and gave advice to farmers.

ग्राम लोनसरा के दौरे के दौरान कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने जिला पंचायत सीईओ श्री ऋतुराज सिंह, उपसंचालक उद्यानिकी श्री अजयसिंह चैहान, उपसंचालक कृषि श्री केएस खपेड़िया, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. एसके बड़ोदिया के साथ कृषक श्री कैलाश लछेटा के खेत पर आयोजित संगोष्ठी में किसानों को बताया कि खेतों में उत्पादित फसल को उसी अवस्था में बेचने पर उतना लाभ नहीं होता, जितना इन उत्पाद को प्रोसेस करके बेचने पर होता है।

Under one district one product, DM reached farm and gave advice to farmers.

इसके लिये उन्होने कृषको को बताया कि यदि कृषक अपनी एफपीओ बना ले तो उन्हें प्रोसेस प्रक्रिया में लगने वाले समस्त संसाधनों हेतु शासकीय योजनाओं से पर्याप्त सुविधा मिल सकती है। इस दौरान उन्होने कृषको को बताया कि सरकार ने हर जिले के लिये एक फसल, एक उत्पाद योजना प्रारंभ की है। इसके तहत बड़वानी जिले के लिये अदरक फसल का चयन किया गया है। किसानों के अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मिर्च की फसल में बार बार लगने वाले वायरस के कारण किसानों को होने वाली क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु अदरक एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके लिये जरूरी है कि कृषक एफपीओ के माध्यम से जैविक आधार पर अदरक उत्पादित कर उसकी ब्राण्डिंग करें। इस दौरान उन्होने कृषको की मांग पर बताया कि कृषक बन्धु यदि अपना एफपीओ बना लेते हैं तो उन्हें अदरक हेतु लोनसरा एवं बोरलाय में भण्डारण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। खेत पर आयोजित इस संगोष्ठी के दौरान कृषि विशेषज्ञो ने जहां अदरक फसल की समुचित जानकारी दी, वहीं कृषको ने भी अदरक के क्षेत्र में अभी तक का अपना अनुभव साझा किया। जिला पंचायत सीईओ ने उन्हें विस्तार से एफपीओ के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। इस संगोष्ठी में लोनसरा, बोरलाय, बालकुआ, तलवाड़ा आदि ग्राम के प्रगतिशील कृषको ने भाग लिया।

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