समाज सेवी शिवम रघुवंशी ने किया रावण दहन का बहिष्कार।
उदयपुरा पर्वत सिंह राजपूत की रिपोर्ट।
उदयपुरा। नगर के समाज सेवी एवं युवा सोच क्रांतिकारी विचार रखने वाले शिवम रघुवंशी नर्मदा कॉलोनी उदयपुरा निवाड़ी संचालक इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल उदयपुरा रावण दहन का विरोध एवं बहिष्कार करने की बात कही है। चर्चा में उन्होंने बताया कि जैसा कि आज मैंने दैनिक समाचार पत्रों एवं अन्य न्यूज पेपर के माध्यम से पढ़ा कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार दशहरा पर्व पर 20 फ़ीट रावण का दहन किया जायेगा।
लेकिन क्या हम भगवान श्री राम के अनुसार कर्म कर रहे हैं। क्या हम भगवान श्री राम के अनुसार धर्म, नीति पर चल रहे हैं। क्या हमने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दिखाए गए धर्म, नीति, रीति के अनुसार चल रहे हैं ?
नहीं हम सिर्फ अपने स्वर्थ और दिखावटी परम्पराओं के अनुसार चल रहे हैं। रावण दहन का आशय है कि अन्याय पर न्याय की जीत, अधर्म पर धर्म की जीत, असत्य पर सत्य की जीत आदि से है परंतु आज हम हमारे धर्म के अनुसार ही नहीं चल पा रहे हैं सिर्फ परंपरओं को निभाने में लगे हैं।
भगवान श्री राम ने रावण को धर्म की मर्यादा भंग करने, अधर्म, अनीति एवं अत्याचार को खत्म करने के लिए मारा था लेकिन आज हम दिन प्रतिदिन देख रहे हैं कि महिलाओं पर अत्याचार, अनीति, अधर्म दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं जो हमारे धर्म को नष्ट कर रहे हैं फिर हम क्यों पुरानी परंपरओं को मानें? माननीय समस्त हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष से निवेदन करता हूँ कि हम सब मिलकर अधर्म, अनीति एवं अत्याचार के खिलाप एक साथ हो कर लड़ाई लडें।
हम आजाद तो 1947 में हो गए थे लेकिन हम आज भी आजाद नहीं हैं। हमारी नीतियां। हमारे कानून हमारा ही शोषण कर रहे हैं। मैं सभी व्यक्तियो से निबेदन करता हु की ऐसी परम्पराओं को खत्म कर देना चाहिए जो हमारी बहनों, बेटियों को चैन से नहीं रहने दे रहे अधर्मीयों, अत्याचारियों के खिलाफ आवाज उठा कर हम फिर ये परम्परा को मनायेंगे। अब समय आ गया है धर्म की मर्यादा को भंग करने वाले पापी, अधर्मी, अत्याचारी जैसे वास्तविक रावणो का वध करने का क्योंकि राजनेता, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बनाने वाले भी हम हैं। देश में ऐसा क़ानून है मगर जो अनीति, अधर्म, अत्याचार करने वाले रावण रुपी को मत्यूदण्ड देने के लिए आज भी सही से सक्षम नहीं है। इसलिए आपसे निवेदन है कि वास्तविक रावण का दहन करें।