आष्टा
घर में रहकर मनाए शब-ए-बरात, बाहर न निकलें
आष्टा शब ए बारात मनाने के लिए सभी लोग घरों में रहकर लाकडाउन और प्रशासन की ओर से जारी किए जाने वाने सभी निर्देशों का पालन कर करें।
काज़ी ऐ शहर फ़ज़ले बारी आरिफ सहाब ने बताया कि नौ अप्रेल जुमेरात के दिन शाबान की 14 तारीख है। सूरज डूबने के बाद 15 तारीख हो जाएगी यही वो रात है जिसे शब ए बरात कहा जाता है।
शाबान एक बरकत और मुकद्दस महीना है। इसकी 15 वी शब, शब ए बारात कहलाती है। सूरज ग़ुरूब होने के वक्त से सुबह सादिक होने के वक्त तक हर लम्हा बड़ा बा बरकत और कीमती है।
इस रात में अल्लाह तआला की खास रहमतों का नुज़ूल होता है। बख्शीश की जाती है हमारे नबी ऐ करीम बेदार होकर अल्लाह तआला की इबादत में मशगूल हुआ करते थे।
इसलिए इस बा बरकत रात में बेदार रहकर अल्लाह तआला के हुजूर में अपने गुनाहों से तोबा करें और अच्छे आमाल का अहद करें। अपने लिए और अपने मरहुमीन के लिए दुआए मगफिरत करें। दुआ करें की इस वक़्त हमारा मुल्क जिस बीमारी की चपेट में है उससे निजात पाए और इस मौके पर अपने घरों में रहकर ही इबादत की जाए। मस्जिदों, कब्रस्तानो में जाने की कोशिश ना करें। इस मोहलक बीमारी से प्रशासन की तरफ से जो हिदायत दी जा रही है उस पर सख्ती से अमल करें, प्रशासन की मदद करें।
ब्यूरो रिपोर्ट शैख़ फैज़ान।