छत्तीसगढ़ के एक गांधीवादी की दास्तान। गांव के लिए लड़ता एक सत्यवादी बुजुर्ग।
शिवरीनारायण से सत्य ओम प्रकाश कश्यप की रिपोर्ट।
आइए आप सभी को ले चलते हैं छत्तीसगढ़ में जांजगीर चांपा के पामगढ़ ब्लॉक में ग्राम पंचायत देवरी में।
आप सभी ने महात्मा गांधी को अंग्रेजों से आजादी दिलाने की कहानी सुनी होगी।बाबा भीमराव अंबेडकर को सविधान रचने की कहानी सुनी होगी। गौतम बुद्ध को बिना गुरु के सत मार्ग पर चलने की कहानी सुनी होगी। ऐसी ही एक सत्य कथा है देवरी गांव के निवासी उमेंद्र राम जी की जो ओम शांति संस्थान के सदस्य हैं।
उमेंद रामजी ने दूसरों के लिए जीते हुए अपने पूरे जीवन को जनकल्याण में समर्पित कर दिया है। महात्माओं की लिस्ट में इनका भी नाम आना चाहिए। किस्सा यूं है कि ग्राम देवरी में 115 एकड़ सरकारी जमीन खसरा नंबर 621 और 708 में ग्रामवासी द्वारा कब्जा द्वारा किया गया है। सन 2007 में ग्रामवासियों द्वारा इस सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए अधिकारियों ज्ञापन सौंपा गया था।
आजतक किसी भी अधिकारी ने कोई भी एक्शन नहीं लिया है। इसमें अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
एक महीना पहले तहसीलदार ने पटवारी हल्का नंबर 29 जाति सिदार को गांव जाकर सर्वे करने की नसीहत दी थी। पटवारी ने गांव में आकर बेजा कब्जा में लाल झंडा करने के लिए कोटवार को बोलकर एलाउंस करवा दिया।
उसके बाद किसी भी प्रकार का पटवारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बल्कि उमेद राम उनसे संपर्क करते हैं तो उन्हीं को धमकी दी जाती है। जबकि यह व्यक्ति महात्मा गांधी के सिद्धांत में चलने वाले हैं। जो अपने निजी स्वार्थ को ना देखकर दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा की सीख इन्हीं से मिलती है। जो अकेले अपने दम पर कुछ कर दिखाने की क्षमता रखते हैं। आइए सुनते हैं निर्णयवादी इंसान की जुबानी।
शिवरीनारायण से सत्य ओम प्रकाश कश्यप की रिपोर्ट।