कोविड-19 वैक्सीन बनाने का प्रयास जारी, छत्तीसगढ़ के धतूरा से बनेगी कोरोना वैक्सीन।

कोविड-19 वैक्सीन बनाने का प्रयास जारी, छत्तीसगढ़ के धतूरा से बनेगी कोरोना वैक्सीन।

रायपुर से अतुल शुक्ला की रिपोर्ट।

रायपुर। प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी संचालक, पत्रकार, रिसर्चर तीव कुमार सोनी के द्वारा दिनांक 2 अप्रैल 2020 को कोरोना वाईरस के इलाज और दवाई के संबंध में भारत सरकार को रिसर्च रिपोर्ट प्रस्तुत गई है। इस रिपोर्ट में धतूरा से कोरोना वाईरस की वैक्सीन बनाने का पूरा फार्मूला का विवरण बताया है। जिस पर उनके रिसर्च को भारत सरकार द्वारा मान्य किया गया है और वैज्ञानिक परिक्षण के लिए “भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद” ( I.C.M.R. ) को भेजा गया है। जिसकी फाईल नंबर भारत सरकार – केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय – file – P-11012/46/2020-HR है।

Corona vaccine released attempting to produce covid-19 vaccine via a chhattisgarh

भारत सरकार ने तीव कुमार सोनी के रिसर्च को वैज्ञानिक परिक्षण के लिए भेजा है जिस पर रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने दो माह में कोरोना वाईरस की वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा है की कोरोना वाईरस के अलावा, सार्स मर्स, हंता, निपाह, इबोला, जिका, स्वाइन और एड्स के वाईरस की वैक्सीन भी दो माह में बनाया जा सकता है। इस संबंध में पत्रकार एवं रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने बताया कि वाईरस, महामारी, भूकंप, तूफ़ान, सुनामी का नियंत्रण और ब्रम्हाण्ड व पृथ्वी के रहस्यों के संबंध में मुझे जन्म से ही सारी जानकारी है। मैं पांच वर्ष की आयु से वाईरस, महामारी, भूकंप, तूफ़ान, सुनामी के नियंत्रण और ब्रम्हाण्ड व पृथ्वी के रहस्यों के संबंध में रिसर्च कर रहा हूं।

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पत्रकार एवं रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने बताया की उनकी रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर ही कोरोना वाईरस की वैक्सीन बनाई जा सकती है क्योकि पूरे विश्व में केवल वह ही कोरोना वाईरस को अच्छी तरह से जानते और समझते हैं कि कोरोना वाईरस क्या है और वह व्यवहार कैसा करता है। वह कई बड़े वैज्ञानिक आविष्कार करेंगे और उनकी रिसर्चो का वह वैज्ञानिक प्रयोग के द्वारा सिद्ध भी करके दिखायेंगे। जिससे इस दुनिया को महामारी और प्राकृतिक आपदा से बचाया जा सकेगा।

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उन्होंने आगे कहा है की कोरोना वाईरस का रिसर्च रिपोर्ट उन्होंने 03 भागो में लिखी है। भारत सरकार को 02.04.20 को प्रस्तुत किये गए कोरोना वाईरस रिसर्च ( भाग – 01 ) के आधार पर धतूरा से कोरोना वाईरस की वैक्सीन दो माह में बनाई जा सकती है अब वह कोरोना वाईरस रिसर्च का भाग 02 और भाग 03 प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद ही कोरोना वाईरस की वैक्सीन बनाई जा सकेगी। पत्रकार एवं रिसर्चर तीव कुमार सोनी के द्वारा इस माह ये दो रिसर्च रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेंगी –

कोरोना वाईरस रिसर्च ( भाग – 02) – कोरोना वाईरस पृथ्वी के बाहर से नियंत्रित है। पृथ्वी के केंद्र उज्जैन से दो माह में कोरोना वाईरस को नियंत्रित कर सकते हैं। नियंत्रित नहीं करने पर कोरोना वाईरस 3 से 4 साल तक रह सकता है और 3 से 5 अरब लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं तथा कोरोना वाईरस 1 से 3 करोड़ लोगों की जान ले सकता है। कोरोना वाईरस रिसर्च ( भाग – 03) – कोरोना वाईरस प्रत्येक एक से दो हजार किलोमीटर में स्थानीय वाईरस से मेल कर अपना रूप और आकार बदल लेता है, इसलिए कोई भी इसका परफेक्ट वैक्सीन नहीं बना सकता है। यदि कोरोना वाईरस की वैक्सीन नहीं है तो स्थानीय वाईरस का इलाज करने से कोरोना कमजोर हो कर एक सामान्य सर्दी बुखार बन जाएगा। पत्रकार एवं रिसर्चर तीव कुमार सोनी के द्वारा कई बड़े स्तर के रिसर्च किये जा रहे हैं। उनके रिसर्चो को “प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी” की आधिकारिक वेबसाईट www.natureandcultureresearch.online पर सर्च कर देखा और पढ़ा जा सकता है।

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