जिला चिकित्सालय हरदा में कैंसर शिविर का किया आयोजन।
हरदा से जुगल चोयल की रिपोर्ट।
हरदा। कैंसर शिविर के आयोजन में डाॅ. शिरीष रघुवंषी Civil Sergeon सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, डाॅ.मनीष शर्मा RMO डाॅ.भरत यादव एवं अन्य चिकित्सक एवं पैरामेडीकल स्टाॅफ उपस्थित थे।
कैंसर की जल्दी पहचान और उपचार से कैंसर ठीक हो सकता है। कैंसर जिसका नाम सुनते ही मन में अजीब सा डर उत्पन्न होता है। यह एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही लोगों के मन में कई तरह के ख्याल आने लगते है। कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। कैंसर के उपचार की व्यवस्था जटिल होती है। इस बीमारी से लड़ने का सबसे मजबूत तरीका है इसके बारे में जागरूकता और जल्द से जल्द इसकी पहचान होना। जिससे सही समय पर इलाज कर इससे बचा जा सके।
कैसर क्या होता है:
शरीर में कोषिकाओ के समुह की अनियंत्रित वृद्वि कैंसर है। जब ये कोषिकाएं टिष्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना हो तो इससे मौत का जोखिम बढ जाता है।
कैसर के कई प्रकार हैः
आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर के सौ से भी अधिक रूप हैं। जैसे-स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लंग कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, बे्रन का कैंसर इत्यादि।
कैंसर के कारणः
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है। धुम्रपान, तम्बाकु चबाना 19 प्रतिशत मोटापा अधिक वनज होना, 7.8 प्रतिशत अल्कोहल का अत्यधिक उपयोग 5.6 प्रतिशत ज्यादा देर तक धूप में रहना 4.7 प्रतिशत शारीरिक तौर पर निष्क्रिय रहना 2.9 प्रतिशत।
कैंसर के प्रकारः
मुंह व गले का कैंसरः तम्बाकु सेवन इसका मुख्य कारण होता है। मुख के भीतर कोई गांठ, घाव या पित्त बन जाना, मुह में सफेद दाग, लार टपकाना, मुंह खोलने, बोलने व निगलने में दिक्कत होना।
स्तन ब्रेस्ट कैंसरः स्तनों के आकार में बदलाव, स्तनों पर गांठ, स्तनाग्र पर या उसके इर्द गिर्द लाल चकते, स्तन या कांख में निरंतर दर्द, स्तनों की त्वचा पर झुर्रिया इत्यादि।
सर्वाइकल गर्भाषय का कैंसरः- छोटी उम्र में विवाह, मीनोपाॅज के बाद रक्तस्त्राव होना, प्रसव के दोरान गर्भाषय में किसी प्रकार का घाव होना और वह ठीक होने से पहले गर्भधारण हो जाये तो 40 उम्र के बाद गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है।
लंग फेफडे का कैंसरः- धूम्रपान करना महत्वपुर्ण कारण है इसके साथ-साथ हल्की निरंतर खांसी के साथ खून आना, आवाज में बदलाव आना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके मुख्य लक्षण होते हैं।
मूत्राशय आंतो का कैंसर पेशाब और शौच के समय खून आना।