नहीं लगेगा तीन दिवसीय मेला , रामायण काल से ही विशाल मेला लगता है।

इस वक्त की बड़ी खबर हम आपको बता रहे हैं बस्ती जिले के सबसे मशहूर धार्मिक स्थल मखौड़ा धाम से।
जहां हर साल की तरह इस वर्ष नहीं लगेगी तीन दिवसीय मेला कोरोना जैसी महामारी को लेकर प्रशासन ने लगने वाला मेला स्थगित कर दिया।

मेले का पौराणिक महत्व।

परशुरामपुर ब्लाक मुख्यालय से सटे मखौड़ा धाम पौराणिक रूप से काफी महत्व रखता है।

रामायण काल से ही चैत्र मास पूर्णिमा को मखौड़ा धाम मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है। अगले दिन देश के हजारों साधु-संत यहीं से 84 कोसी परिक्रमा कि शुरुआत करते हैं। मेले को लेकर शासन प्रशासन की व्यवस्था की जाती है। जिससे कोई अप्रिय घटना न घट सके लेकिन इस साल लॉक डाउन कोरोना जैसी महामारी की वजह से पवित्र धार्मिक स्थल मखौड़ा धाम में मेला नहीं हो सकता। यहां आने जाने वाले लोग आज ही के दिन सबसे प्रसिद्ध लिट्टी चोखा का प्रसाद बना कर भी खाते थे।

अयोध्या के राजा महाराज दशरथ पुत्र प्राप्ति यज्ञ यही मखौड़ा धाम पर किए थे
जिससे उनको चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।

इसी वजह से यह मखौड़ा धाम बस्ती जिले का सबसे मशहूर धार्मिक स्थल माना जाता है।

ब्यूरो रिपोर्ट अमित सिंह।

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