रेलवे ने 23 मार्च से करीब 4.50 लाख वैगनों सहित आवश्यक वस्तुओं के लगभग 6.75 लाख वैगनों की मदद से खाद्यान्न, नमक, चीनी, खाद्य तेल, कोयला और पेट्रोलियम उत्पाद पहुंचाए
पिछले एक सप्ताह में 2.5 लाख से अधिक जिंसों के वैगनों को लादा गया जिनमें से 1.55 लाख से अधिक वैगनों में आवश्यक वस्तुएं थीं
भारतीय रेल लगातार जारी लॉकडाउन के दौरान देश के सभी हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाना जारी रखे हुए है; आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वह कृषि, रसायन और उर्वरक, खाद्य और सार्वजनिक वितरण जैसे विभिन्न मंत्रालयों के निकट सहयोग से कार्य कर रहा है
भारतीय रेलवे अपनी मालवाहक सेवाओं के जरिये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखे हुए है ताकि देश में कोविड-19 की चुनौतियों और उसके प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन में सरकार के प्रयासों को मजबूत किया जा सके। केन्द्र सरकार यह सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखा जाए, इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कृषि उपज राज्य के भीतर और दूसरे राज्य में बिना किसी बाधा के पहुंच जाए।
रेलवे ने23 मार्च 2020 के बाद से लगभग 6.75 लाख वैगनों में सामान पहुंचाया है। इसमें खाद्यान्न, नमक, चीनी, खाद्य तेल, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे आवश्यक वस्तुओं के लगभग 4.50 लाख वैगन शामिल हैं। 2 अप्रैल से 8 अप्रैल 2020 के सप्ताह के दौरान, रेलवे ने कुल 258503 वैगनों में सामान पहुंचाया, जिनमें से 155512वैगनों में आवश्यक वस्तुएं थीं। इसमें 21247वैगनों में खाद्यान्न, 11336वैगनों में उर्वरक, 124759वैगनों में कोयला और 7665वैगनों में पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।
इस बात को याद किया जा सकता है कि केन्द्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप पर 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए छूट और ढील प्रदान की है ताकि किसानों को किसी भी प्रतिकूल परिस्थति का सामना न करना पड़े। इस बीच, रसायन और उर्वरक मंत्रालय का उर्वरक विभाग आगामी खरीफ मौसम के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। उर्वरक विभाग उर्वरकों के उत्पादन, आंदोलन और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रहा है और राज्य सरकारों और रेल मंत्रालय के साथ नियमित संपर्क में है। कोविड-19 लॉकडाउन के बीच रेलवे भारतीय खाद्य निगम के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसने 24 मार्च से देश भर में 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक अनाज ले जाने वाले 800 से अधिक रेक पहुंचाए हैं। एफसीआई ज्यादातर रेल द्वारा पूरे देश में गेहूं और चावल की आपूर्ति की गति बढ़ाकर खाद्यान्न की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम हुआ है।
रेलवे ने खराब होने वाले बागवानी उत्पादों, बीज, दूध और डेयरी उत्पादों सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए समय सारणी के अनुसार चलने वाली 109 पार्सल ट्रेनें भी शुरू की हैं। लॉकडाउन की शुरुआत होने के बाद से पार्सल विशेष ट्रेनों के लगभग 59 मार्गों (109 ट्रेनों) को अधिसूचित किया गया है। इसके साथ, भारत के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहर तेज गति से आवश्यक और खराब होने वाले सामानों को पहुंचाने के लिए जुड़ जाएंगे। इन सेवाओं को आवश्यकता के अनुसार और बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपने आदेशों के साथ गृह मंत्रालय (एमएचए) ने खाद्य पदार्थों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों जैसे आवश्यक सामानों के संबंध में निर्माण / उत्पादन, परिवहन और अन्य संबंधित आपूर्ति-श्रृंखला गतिविधियों की अनुमति दे रखी है।
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एएम/केपी