अध्यात्मिक नगरी में धूमधाम के साथ मनाया गया सीताराम विवाह महोत्सव।

अध्यात्मिक नगरी में धूमधाम के साथ मनाया गया सीताराम विवाह महोत्सव।

हजारों की संख्या में लोग निकले भगवान की बराती बन कर।

नगर वासियों ने किया जगह-जगह पर भव्य स्वागत।

बैंड बाजा और डीजे के धुन पर भगवान के बाराती खूब नाचते गाते चले।

छत्तीसगढ़ शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

शिवरीनारायण। शिवरीनारायण लोग अपने रिश्ते नातेदारों के बारात में खूब नाचते गाते हैं किंतु धर्म एवं अध्यात्म की पावन धरा शिवरीनारायण में संपूर्ण संसार के स्वामी भगवान श्री सीताराम जी की विवाह में बारातियों ने खूब नृत्य किया। जगह जगह पर बारातियों का स्वागत नगर वासियों ने बड़े ही आत्मीयता पूर्वक श्रद्धा भक्ति के साथ की, प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री शिवरीनारायण की पावन धरा में सीताराम विवाह महोत्सव परंपरागत रूप से मनाया गया जिसमें नगर वासियों सहित आसपास के क्षेत्र एवं दूर-दराज से आए हुए श्रद्धालु भक्तजन बड़े ही भक्ति भावना के साथ शामिल हुए।

भव्य मंडप बनाया गया मठ में।

भगवान श्री रामचंद्र जी और माता जानकी को दूल्हा- दुल्हन के रूप में सजाकर शृंगारित किया गया साथ में लक्ष्मण जी विराजित थे। इन्हें भव्य मंडप में बैठाया गया, विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद बाजे- गाजे के साथ मठ से बारात निकली एवं शिवरीनारायण मंदिर के सामने सुसज्जित रथ में उन्हें बैठाया गया जहां श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज, श्री जगदीश मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज एवं मुख्तियार सुखराम दास जी सहित श्रद्धालु भक्तों ने उनकी पूजा अर्चना की भगवान का जय- जयकार करते हुए शोभायात्रा नगर भ्रमण के लिए आगे बढ़ा।

जगह जगह पर हुआ स्वागत बारातियों का जैसे ही बाजे गाजे के साथ आतिशबाजी करते हुए बारातियों की शोभा यात्रा नगर भ्रमण के लिए निकला नगर के सभी संभ्रांत नागरिकों ने अपने अपने दुकान, घर- द्वार के सामने भगवान का बारात आते हुए देखकर बारातियों की खूब खातेदारी की, उन्हें मेवा, मिष्ठान, पेड़ा, लड्डू, रसगुल्ला, गुलाब जामुन खिलाकर तिलक लगाकर सम्मान सहित उनका स्वागत वंदन किया गया

बारात में सभी लोग हुए शामिल।

भगवान रघुनाथ जी की बारात में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर वयोवृद्ध लोग तक शामिल हुए केवल यही नहीं इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के अनेक स्थानों से आए हुए संत महात्माओं के अतिरिक्त अनेक नगर एवं महानगरों से पधारे हुए श्रद्धालु भक्तजन भी बड़े ही भक्ति भावना के साथ बाराती बनकर अपना सौभाग्य संवारते रहे। मानस मंडली, कीर्तन मंडली के लोग भी इसमें बड़े ही भक्ति भावना के साथ शामिल हुए।

मंडप में बिठाकर विवाह पूर्ण होने के पश्चात टिकावन की रस्म पूरी की गई।

भगवान की बारात नगर भ्रमण करने के पश्चात जैसे ही शिवरीनारायण मठ वापस पहुंचे दरवाजे पर मोहल्ले की सभी माताओं ने परछन करके आरती उतारकर दूल्हा दुल्हन को मंडप में बिठाया और भगवान के लिए माताओं ने विवाह गीत गाकर विवाह कार्य पूरा किया, पूजा अर्चना के पश्चात परिणय सूत्र में बंधे हुए नव दंपति को लोगों ने अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार टिकावन दाईज देकर उनके मंगलमय जीवन के लिए आराधना किया।

अद्भुत आनंद की अनुभूति बारात में शामिल हुए कुछ लोगों ने बताया कि सामान्य जीवन में साधारण मनुष्य के विवाह में शामिल होने का अवसर तो उन्हें बार-बार मिला है लेकिन परमात्मा के विवाह में बराती बनने का सौभाग्य जीवन में प्रथम बार मिला उन्होंने कहा कि इससे जो आनंद की अनुभूति हुई उसे वे शब्दों में नहीं बता पाएंगे।

छत्तीसगढ़ शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।

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