मिशन संतोष क्रांति एक मंत्र है जिससे भ्रष्टाचार को मिटाना है: कृष्णकांत।
एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।
सागर। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे मिशन संतोष क्रांति के सदस्यों की बैठक 12 दिसंबर को सिविल लाइन स्थित एक होटल में हुई। अध्यक्षता केके सिलाकारी ने की। मुख्य अतिथि डॉक्टर चंचला दवे थी। सर्वप्रथम सरस्वती माता के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद संस्था के संस्थापक कृष्णकांत बक्शी ने अपने उद्बोधन में भ्रष्टाचार रूपी बीमारी को मिशन के सहयोग से जड़ से खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह है की स्कूल से लेकर कॉलेज के छात्र और पंच से लेकर सांसद तक सभी लोग कंधे से कंधा मिलाकर आगे आएं और भारत देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं ताकि भारत देश का नाम इतिहास में अमिट और सुनहरी अक्षरों में लिखा जाए। आज भ्रष्टाचार रूपी बीमारी नासूर बन गई है। छोटे से छोटे काम के लिए पैसे देने पड़ते हैं। यही कुप्रथा हमें खत्म करनी होगी। उन्होंने कहा कि कैलेंडर में जितने भी दिवस लिखे होते हैं सभी बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं लेकिन अफसोस है कि तीन दिन पहले 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस था लेकिन ना तो किसी संस्था ने मनाया न शासन और प्रशासन ने। यह कितने ताज्जुब की बात है। अध्यक्षता करते हुए केके शीलाकारी ने कहा कि आज बच्चों में संस्कार बहुत जरूरी हैं ताकि वह अपना अच्छा बुरा समझे और धर्म के मार्ग पर चलकर आगे बढ़े। मुख्य अतिथि डॉक्टर चंचला दवे ने ईमानदार और संतोष होने के फायदे बताए। उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से बताया “संतोषी सबसे बड़ा धन”। संस्था के संरक्षक साहित्यकार मणिकांत चौबे वे लिहाज ने भी भ्रष्टाचार को खत्म करने पर अपने विचार व्यक्त किए। कवि पूरन सिंह राजपूत, सीताराम श्रीवास्तव भावुक, साहित्यकार सुनीला सराफ, कपिल बैसाखीया, ऋषभ जैन, एडवोकेट अमित चौबे; संदीप पांडे, डीके साहू, संजय जैन डुप्लीकेट, नसीर खान ने भी मिशन को सहयोग देकर और इसे आगे बढ़ाने में अपनी-अपनी बात रखी। इसके अलावा 23 जनवरी को शहर में संतोषी जागरूकता इमानी रैली निकालने और उसकी तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं से आगामी समय में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर लिखित सुझाव आमंत्रित कर उन पर अमल करने की बात की गई आभार पत्रकार विपिन दुबे ने माना।
एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।