अपने दायित्वों और कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति समर्पित सीएमएचओ डॉ सागर।
एमपी शहडोल से सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।
शहडोल। इस क्षेत्र का हमेशा से बड़ा दुर्भाग्य रहा है कि ईमानदारी से और बिना किसी राजनैतिक दबाव के काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाते। अधिकांशतः देखा यही गया है कि जो भी अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के आगे किसी भी शासकीय कर्तव्य को शून्य मानता है, जो केवल कुर्सी की चाहत में चापलूसी और पाखंड करता है, राजनैतिक प्रभाव में रहकर कार्य करता है वो अपने पद एवं कुर्सी में लम्बे समय तक टिका रहता है। उसके साथ पूरी कौम खड़ी हो जाती हैकिन्तु जो अपने कर्तव्य को ही सर्व समझता है उसे लोगो की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। डाॅ. एम.एस. सागर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शहडोल जिले में विपरीत परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग की कमान संभाली गई थी। उनके द्वारा पूरी ईमानदारी के साथ लगातार बिना किसी के प्रभाव में आए कोरोना महामारी के दौरान भी पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया जाता रहा हैं। विगत एक वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जिला चिकित्सालय में सिलसिलेवार बच्चों की मौत की घटना घटित होने के बाद डॉ सागर की प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उनका स्थानांतरण शहडोल जिले के लिए किया गया था। विपरीत परिस्थिति के बावजूद अपनी कार्य क्षमता अनुसार जिला अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की धूमिल छवि को सुधारने का पूर्ण प्रयास किया गया। स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत शासन स्तर पर जितने भी स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित हैं, उन सभी कार्यक्रमों में शहडोल जिले को उत्कृष्ट स्थान पर लाने के लिए अपनी विभागीय टीम के साथ तत्परता से कार्य किया गया है। जिले में जो स्वास्थ्य केंद्र वर्षो से बंद थे उन सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह से नियमानुसार खुलवाने का कार्य किया गया। पूर्व की स्थिति एवं वर्तमान स्थिति को देखा जाये तो शहडोल जिले में जिला चिकित्सालय सहित प्रत्येक विकासखण्ड में स्वास्थ्य की स्थिति में काफी कुछ सुधार हुआ है जिससे जनता निरंतर लाभान्वित हो रही है।
डाॅ.सागर द्वारा सीएमएचओ का प्रभार लेने के बाद उनके कठोर प्रशासनिक कार्यशैली के कारण कामचोर एवं लापरवाह चिकित्सको तथा कर्मचारियों में हडकंप मचा हुआ था। उन सभी में भी अधिकाधिक सुधार किया गया है। बिना किसी राजनैतिक, प्रशानिक अथवा अन्य किसी दबाव के कार्य करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सभी सुविधा और सुधार को देखते हुए जनता के बीच अच्छी छवि बनी किन्तु डाॅ.सागर के बिना किसी दबाव के कार्य करने की प्रणाली कई राजनेताओं और चापलूस प्रवृत्ति के अधिकारी-कर्मचारियों को रास नहीं आई। उनके द्वारा निरंतर सीएमएचओ के विपरीत माहौल बनाया जाता रहा तथा यह केन प्रकारेण डाॅ. सागर को यहाँ से अन्यत्र स्थानांतरित कराये जाने का कुत्सित प्रयास निरंतर किया जा रहा है।जिसके चलते जल्द ही डाॅ. सागर के स्थानांतरण की चर्चा गर्म होने लगी है। कयास लगाये जा रहे हैं कि सम्भवतः फरवरी अथवा मार्च-अप्रैल में स्थानांतरण होना सम्भावित है। परन्तु यहाँ पर यह देखना और समझना भी जरूरी है कि डॉ. सागर के स्थानांतरण होने से केवल स्थानीय राजनैतिक लोग ही तुष्टीकरण होंगे या उन लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों को प्रसन्नता होगी जो अपने निजी स्वार्थ के लिए सारे नियमों को ताक पर रखकर चापलूसी और भ्रष्टाचार करते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जो सुधार हुये तथा जो सुविधाएं प्रारंभ हुई जिससे जनता जनार्दन लाभान्वित हो रही है। सम्भवतः वो यथावत् रहेगी या नहीं? कुछ कहा नहीं जा सकता। बहरहाल सभी चीजें कालकवलित हैं। प्रायः यह हमेशा ही होता रहा है कि अच्छा प्रशासन और अनुशासनिक कार्य करने वाले अधिकारियों से जनता जनार्दन भले ही प्रसन्न होती है किंतु राजनैतिक प्रभाव एवं भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी अपने निजी स्वार्थपूर्ति और जिद के कारण असंतुष्ट रहते हैं। स्थानांतरण होना एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है लेकिन जनता जनार्दन को मिल रही स्वास्थ्य सुविधा को दरकिनार कर केवल निजी स्वार्थपूर्ति के लिए किसी योग्य अनुशासनिक अधिकारी हटाना कितना सही है या कितना गलत ये समय पर निर्भर है। किन्तु यहाँ की पब्लिक, आमजन एवं क्षेत्र की जनता उनके साथ खड़ी है।
एमपी शहडोल से सुनील मिश्रा की रिपोर्ट।