सफलता की कहानी: आधुनिक तरीके से उद्यानिकी फसलों की खेती कर मधु बना करोड़पति।
एमपी हरदा से बृजेश रिछारिया की रिपोर्ट।
हरदा। हरदा जिले के एक किसान श्री मधु धाकड़ ने पारम्परिक खेती से हटकर उद्यानिकी फसलों को आधुनिक संसाधनों के साथ अपनाया तो उसकी आय में बहुत अधिक वृद्धि हुई। और अच्छी आमदनी प्राप्त की है। ऐसे सफल कृषक से मिलने और उसके कारण जानने के लिये मैंने उसका साक्षात्कार लिया और उसकी सफलता के राज जाने। ग्राम सिरकम्बा निवासी किसान श्री मधु धाकड़ ने फसल विविधीकरण को अपना कर खेती से करोड़ों रुपये का लाभ अर्जित किया है। प्रदेश के अन्य किसानों को भी इससे प्रेरणा लेकर फसल विविधिकरण को अपनाना चाहिये।
कृषक श्री धाकड़ ने गेहूँ, चना, सरसों जैसे पारम्परिक फसलों के स्थान पर मिर्च, टमाटर, अदरक, शिमला मिर्च इत्यादि उद्यानिकी फसलों की खेती करने का साहसिक फैसला लिया। उन्होंने बताया कि इससे निश्चित ही लागत में वृद्धि हुई, लेकिन लाभ में भी कई गुना वृद्धि हुई। श्री धाकड़ के इस फैसले से क्षेत्र में 350 से 400 लोगों को नियमित रूप से रोजगार भी मिलने लगा। किसान श्री धाकड़ ने 10-12 वर्ष पूर्व फसल चक्र परिवर्तन का फैसला लिया। अब श्री धाकड़ उद्यानिकी फसलें ही लेते हैं। इस वर्ष श्री धाकड़ ने 70 एकड़ में टमाटर, 60 एकड़ में शिमला मिर्च और 20 एकड़ में अदरक लगाया। टमाटर में प्रति एकड़ 2 लाख रुपये का खर्च आया, जबकि आय 10 लाख 50 हजार रुपये प्रति एकड़ हुई। अर्थात शुद्ध 8 लाख 50 हजार का मुनाफा हुआ। इस वर्ष 7 से 8 करोड़ रुपये का टमाटर बेचा जा चुका है और अभी टमाटर की बिक्री चालू है। उन्नत कृषक श्री धाकड़ ने इस वर्ष प्रति एकड़ समस्त खर्च के बाद भी 7 से 8 लाख रुपये प्रति एकड़ मिर्च बेचकर कमाये हैं। उनकी मिर्च गुजरात के व्यापारियों के माध्यम से दुबई तक एक्सपोर्ट की गई है। श्री धाकड़ ने इस वर्ष 60 एकड़ में मिर्च की फसल लगाई है। संयुक्त परिवार में रहने वाले श्री मधु धाकड़ बहुत प्रसन्न हैं, क्योंकि उन्होंने नवाचार और साहस के साथ खेती करके अधिकतम लाभ कमाने के लक्ष्य को हासिल किया है।
एमपी हरदा से बृजेश रिछारिया की रिपोर्ट।