कलेक्टर का आदेश : सरकारी जमीन पर कब्जा मिला तो दरोगा और पटवारी पर गिरेगी गाज।
सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे मेरा यही प्रयास : दीपक आर्य
एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।
सागर। सागर में सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों की बात हो या सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की। सागर कलेक्टर दीपक आर्य ऐसे मामलों में बेहद संजीदा हैं। हाल ही में उन्होंने अपने मातहतों और विभाग प्रमुखों की बैठक लेकर स्पष्ट कर दिया है की सरकार की हर योजना का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा- श्मशान घाट, चरनोई की जमीन के अलावा किसी भी प्रकार की सरकारी जमीन पर यदि किसी भी व्यक्ति का कब्ज़ा पाया जाता है या मेरे पास शिकायत आती है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र का पटवारी, दरोगा, टैक्स कलेक्टर एवं कोटवार की जिम्मेदारी होगी और संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर दीपक आर्य ने नगर निगम कमिश्नर सहित समस्त एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को यह बात स्पष्ट लहजे में कहीं है। कलेक्टर दीपक आर्य ने निर्देश दिए हैं कि कि सागर जिले में समस्त ग्रामीण और नगर निगम क्षेत्र सहित समस्त नगरीय निकायों में यदि कहीं भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाया जाता है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पटवारी टैक्स कलेक्टर, दरोगा, कोटवार पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि विभिन्न अनुविभागीय कार्य क्षेत्रों में बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमण कर उपयोग किया जा रहा था। कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि इसी प्रकार नगर निगम में नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न स्मार्ट सड़कों एवं अन्य सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और आजू-बाजू में विभिन्न बेशकीमती जमीन हैं और अब इन बेशकीमती जमीनों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण पाया जाता है तो सीधी कार्रवाई संबंधित टैक्स कलेक्टर, दरोगा और पटवारियों पर की जाएगी। कलेक्टर दीपक आर्य ने निर्देश दिए कि सिविल लाइन चौराहे से कालीचरण चौराहे तक और आईजी ऑफिस से तिली चौराहे तक साथ ही तिली चौराहे से दीनदयाल चौराहे तक बेशकीमती जमीन चिन्हित करें एवं उस पर फेंसिंग भी करें। अब यदि इन जमीनों पर अतिक्रमण पाया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कलेक्टर दीपक आर्य ने शासन की मंशा के अनुरूप और समस्याएं 0 हो इस दिशा में बेहद संजीदगी से काम कर रहे हैं। महज 4 महीने पहले जिले की कमान संभालते ही उन्होंने चाहे प्रधानमंत्री; मुख्यमंत्री आवास योजना की बात हो या नगर निगम में फैली अनियमितताओं की सभी पर शिकंजा कस काफी हद तक बे-पटरी कार्यों को पटरी पर ला दिया है।
बैठक में किसी की तारीफ तो किसी को फटकार।
सागर कलेक्टर आर्य ने हर विभाग के आला अफसरों से दो टूक कहा है कि हर सोमवार को समय-सीमा बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। उस दिन कोई भी विभाग प्रमुख अपने विभाग की बैठक आयोजित न करें। श्री आर्य ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक सोमवार को समय-सीमा बैठक आयोजित कर जिले की समय-सीमा पत्रों की समीक्षा की जाती है एवं समय-सीमा पत्रों का निराकरण किया जाता है। इस कारण कोई भी विभाग प्रमुख अपने विभाग की बैठक आयोजित न कर समय सीमा बैठक में अनिवार्यतः उपस्थित रहे। श्री आर्य ने कहा कि अपने-अपने विभागों की समस्याओं की समीक्षा कर बैठक में उपस्थित होने एवं जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि समय सीमा बैठक में सीएम हेल्पलाइन समय-सीमा के पत्रों का समय पर निराकरण किया जाए। कलेक्टर श्री आर्य ने निर्देश दिए कि कोई भी विभागीय अधिकारी बगैर सूचना के अनुपस्थित होने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में कुछ अधिकारियों को फटकार लगाई तो किसी के अच्छे कामों की तारीफ के कसीदे गढ़े। उन्होंने कहा टाइम लिमिट की बैठक में अपने विभाग की हर जानकारी पूरी तरह कंप्लीट लेकर उपस्थित हो।
बुंदेलखंड के लिए इतना बड़ा प्रोजेक्ट उपलब्धि।
सागर में अटल भूजल परियोजना! जी हां- यह केंद्र सरकार का वह प्रोजेक्ट है जो भारत के केवल 7 राज्यों और मध्यप्रदेश में केवल बुंदेलखंड के लिए मिला है। इसमें सागर ब्लॉक शामिल है इसे कलेक्टर दीपक आर्य की उपलब्धि ही कहा जाएगा कि उनके रहते हुए इतना बड़ा प्रोजेक्ट बुंदेलखंड के लिए मिला है। इससे पहले सागर कलेक्टर रहे वीआर नायडू ने जीवनदायिनी राजघाट परियोजना को मूर्त रूप दिया है। कलेक्टर दीपक आर्य अटल भूजल परियोजना पर आए दिन समीक्षा कर इस कांसेप्ट को पूरी तरह मूर्त रूप देने में लगे हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत 6000 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। 3000 करोड़ केंद्र सरकार और 3000 करोड़ नाबार्ड से अनुदान के रूप में मिलेगा। यह राशि वापस नहीं करनी है। इस प्रोजेक्ट के तहत पानी बचाओ योजना बहुत बड़ा कांसेप्ट है। इस योजना के तहत भारत के 7 स्टेट्स जिनमें मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और केरल शामिल हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के लिए सागर ब्लॉक को चयनित किया गया है। दमोह में पथरिया, छतरपुर में राजनगर, नौगांव और छतरपुर, पन्ना में अजयगढ़, टीकमगढ़, पलेरा, बल्देवगढ़ और निवाड़ी यानी कुल मिलाकर 6 जिलों के 9 ब्लॉक अटल भूजल योजना में शामिल किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में नोडल अफसर बनाए गए हैं। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक केके मिश्रा भी इस प्रोजेक्ट में मूर्त रूप देने के लिए शामिल हैं। अफसरों की कुशल रणनीति से इस परियोजना पर वृहद स्तर पर कार्य योजना बन रही है।
एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।