सागर पुलिस की उपलब्धि : चंद समय में कर दिया 3 अंधे हत्याकांड का खुलासा।

सागर पुलिस की उपलब्धि : चंद समय में कर दिया 3 अंधे हत्याकांड का खुलासा।

जनता के प्रति हमेशा संजीदा एएसपी और सीएसपी।

एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।

सागर। सागर एएसपी विक्रम सिंह कुशवाहा और सीएसपी रविंद्र मिश्रा अपराधों की पतासाजी करने में माहिर हैं! जिले में हुए 3 चर्चित हत्याकांड के खुलासे की बात हो या अन्य अपराधों के अपराधियों को दबोचने में; विक्रम सिंह कुशवाहा ने अपनी टीम के साथ कामयाबी पाई है। सागर सिटी एसपी की कमान संभाल चुके विक्रम सिंह कुशवाहा के नाम से अपराधियों में दहशत है। गुंडा, माफियाओं का साम्राज्य खत्म करने में यह दोनों अफसर आगे हैं। पिछले महीनों की बात की जाए तो ललितपुर निवासी एक युवक की सागर जिले के पास गढ़पहरा के खंडार में लाश मिली थी। इसका खुलासा कैंट थाना प्रभारी गौरव तिवारी ने किया था।

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इसके अलावा खुरई तहसील के बांदरी कस्बे के पास सागोनी और भानगढ़ के कंजिया गांव में हुए हत्याकांड के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया है। यह दोनों मामले जिले में हाई प्रोफाइल थे। इसी तरह कांग्रेस नेता को कटर मारने वाले 5000 के इनामी आरोपी दमोह निवासी अशफाक को एसपी रविंद्र मिश्रा ने टीम बनाकर पकड़ा। सीएसपी रविंद्र के नेतृत्व में कोतवाली थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने कटर चलाने वालों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे किया है। एसपी तरुण नायक, एडिशनल एसपी विक्रम सिंह, कुशवाहा और सिटी एसपी रविंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पिछले 3 महीने के आंकड़े उठाकर देख लिए जाएं तो सागर में अपराधों का ग्राफ काफी हद तक कम है। इसके अलावा अपराध यदि हुए भी हैं तो चंद् समय में अपराधी पुलिस कस्टडी में आ गए और उन्हें जेल की सलाखें मिली हैं। इसके अलावा दोनों अफसर जनता की बात भी संजीदा से सुनकर समस्याओं का हल करते हैं। इन दोनों अफसरों के सख्त आदेश हैं कि अपराधी किसी भी दशा में बचना नहीं चाहिए। विक्रम सिंह कुशवाहा ने “अग्निचक्र लाइव न्यूज़” को बताया एडिशनल एसपी रहते हुए उन्होंने हमेशा जनता के प्रति कर्तव्य और निष्ठा के साथ कार्य किए हैं। गौरतलब है वरिष्ठ अफसरों के नेतृत्व में जिले के थाना प्रभारी भी सजग हैं।

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हाई प्रोफाइल सागौनी हत्याकाण्ड का पुलिस ने किया खुलासा:

थाना बांदरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम सागौनी में कुछ समय पहले अज्ञात व्यक्ति द्वारा मृतक अशोक चौबे निवासी ग्राम सागौनी के घर में घुसकर चाकू से गला काटकर हत्या कर दी गई। थाना बांदरी में धारा 302, 201 का केस पंजीबद्ध किया गया। इस घटनाक्रम से पूरे क्षेत्र मे सनसनी फैल गई तथा पुलिस के लिए इस हत्या की गुत्थी सुलझाना काफी चुनौतीपूर्ण बन गया। घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए एसपी तरुण नायक ने विशेष टीम बनाई और इस टीम का जुम्मा एएसपी विक्रम सिंह कुशवाहा को दिया। एएसपी विक्रम सिंह कुशवाहा ने अलग-अलग संभावित बिन्दुओ पर जांच की और संदेही अमित साहू के संलिप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई। पुलिस टीम द्वारा लगातार आरोपी की पतासाजी कर आरोपी अमित पिता मुन्नालाल साहू को हिरासत में लिया जाकर सघन पूंछताछ की गई। जिसके द्वारा इस जघन्य घटना को पुरानी रंजिश के चलते घटित करना स्वीकार किया गया।

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कंजिया क्षेत्र मे हुई हत्‍या का 48 घंटे मे किया पर्दाफाश:

फरियादी भरतराम पिता अनरत सिंह यादव निवासी कंजिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भाई ज्ञानसिंह यादव का शव रोड किनारे डला है, किसी अज्ञात व्यक्ति ने ज्ञानसिंह को मार कर शव सड़क किनारे फेंक दिया है, जिस पर 302, 201 ताजीरात ए हिन्द के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामले में मृतक ज्ञानसिंह यादव गाँव के परिवारजनो एवं समाज के लोगों में इसकी हत्या को लेकर काफी रोष था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कशवाहा, एसडीआपी बीना उदयभान सिंह बागरी के निर्देशन में पुलिस टीम बनाई गई। पुलिस ने निरन उर्फ निरंजन लोधी, भगवानसिंह लोधी, किस्स लोधी, प्रेमसिंह लोधी, गोलू लोधी, कल्लू लोधी सभी निवासी ग्राम दौलतपुर चौकी कंजिया की तलाश पतारसी की जो संदेहीयान निरन उर्फ निरंजन पिता खिलान सिंह लोधी उम्र 37 साल, भगवान सिंह पिता लालाराम लोधी उम्र 35 साल, किस्सू उर्फ रामकिशोर पिता जगन्नाथ लोधी उम्र 28 साल, प्रेमसिंह पिता बलराम लोधी उम्र 27 साल, गोलू उर्फ कमलसिंह पिता अजब सिंह लोधी उम्र 27 साल सभी निवासी ग्राम दौलतपुर चौकी कंजिया थाना भानगढ को पलिस टीम व्दारा दस्तयाब कर हिरासत में लेकर मामले के संबंध में पूछताछ की जिन्होंने बताया कि उनके गाँव के बगल में रेन्ज की सरकारी जमीन है। जिस पर ये लोग गाँव के लोग वर्षों से खेती किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे थे। ग्राम कंजिया के ज्ञानसिंह यादव ये जमीन गाँव के लोगों से अपने बाहुबल के दम पर छीनकर खेती किसानी करने लगा। गाँव के जानवर भी सरकारी जमीन पर चरने नहीं जाने देता था। जिससे इनके परिवार के भरण पोषण एवं जानवरो को चरने की परेशानी आ रही थी। इसी बात पर से निरन उर्फ निरंजन लोधी ने गाँव के भगवान सिंह लोधी, किस्स उर्फ रामकिशोर लोधी, कल्लू उर्फ गंदर्भ लोधी, प्रेमसिंह लोधी और गोलू लोधी के साथ मिलकर ज्ञानसिंह यादव को जान से मारने का प्लान बनाया और घटना को अंजाम दिया।

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एमपी सागर से विपिन दुबे की रिपोर्ट।

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