हनुमानजी को कलियुग का देवता कहा जाता है. कहते हैं कि वह आज भी धरती पर मौजूद हैं. मंगलवार के दिन मुख्य रूप से हनुमान जी को समर्पित है. वहीं जेष्ठ माह आने वाले मंगलवार का खास महत्व होता है. इसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रद्धा भाव से बजरंग बली की आराधना करने से व्यक्ति को परम पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन कुछ खास उपाय करने से मंगल दोष से भी मुक्ति मिलती है. इसके अलावा व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
दूसरा बड़ा मंगल कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के दूसरे मंगल की शुरुआत 20 मई को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 21 मई को सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर होगी. उदया तिथि के अनुसार, जेष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को पड़ेगा.
दूसरा बड़ा मंगल के उपाय
कुंडली में मंगल दोष से बचने के लिए बड़ा मंगल के दिन मिट्टी से बनी चीजों का दान जरूर करना चाहिए. क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मंगल को गर्म ग्रह माना जाता है. ऐसे में अगर आप ठंडी चीजों का दान करते हैं, तो इस उपाय से मांगलिक दोष से भी मुक्ति मिलती है.
दुश्मनों से छुटकारा
हर किसी के जीवन में कोई न कोई ऐसा व्यक्ति होता है. जो मन ही मन दुश्मनी करते रहते है. वहीं एक समय के बाद कुंठा इतनी बढ़ जाती है, तो वह अहित करने लगते हैं. जीवन में ऐसे लोगों से छुटकारा पाने के लिए जेष्ठ माह के बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल, सिंदूर और चोला चढ़ाएं., मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
पूरी होगी इच्छा
अगर कोई इच्छा है जो बहुत समय से पूरी नहीं हो रही है, तो बुढ़वा मंगल के दिन एक सरसों के तेल का दिया और मीठा पान के साथ 18 लौंग से तैयार की गई माला लें. इन सभी चीजों को लेकर हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान जी से सामने दीपक जलाएं. फिर लौंग के माला अर्पित कर बजरंगबली को मीठे पान का भोग लगाएं. उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और सच्चे दिन से अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें.