बरेली।
राशन की दूकान पर उपभोक्ताओं के साथ हो रहा छल।
एक तरफ धरती पर संकट मंडरा रहा हो, दुनिया की सरकारें मानव जीवन की सुरक्षा एवं सेवा में जुटी हों।
जहाँ मौत का नंगा तान्डव हो रहा हो, भूख से लोग तड़फ रहे हों।
मानवता के दुश्मन भोली भाली जनता के पेट पर लात मार रहे हों। उनके साथ छल कपट किया जा रहा हो।
वहाँ जन सेवा की दुहाई देने वाले कुछ जिम्मेदार अधिकारी एसी में बैठ कर ठंडी हवा खा रहे हों तो करोड़ो अरबों की राशि का गरीबों का अनाज ये छल करने वाले लोग ही डकार जाएँगे।
बरेली में कोरोना से लड़ रहे गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज का वितरण किया जा रहा है। राशन की दूकान चलाने वाले उन गरीबों के साथ भी छल करने से बाज नहीं आ रहे हैं। किनगी रोड पर संचालित दूकान पर सरेआम उपभोक्ताओं को छलने का नया तरीका निकाला है।
खाली बारदाने का वजन 500 ग्राम होता है। तोलने वाला बोरी सहित अनाज की तोल तराजू पर करता है उसके बाद उपभोक्ता की खाली बोरी में उंडेल देता है। जान पहचान वाले को सरकारी बारदाने सहित दे दिया जाता है। बाद में उसे खाली करके वापस लाने का कहा जाता है। मतलव 500 ग्राम वापस होना। यदि 100 बोरी से 500 ग्राम प्रति बोरी का छल किया जाता है तो कितना अनाज गरीबों का इनके व्दारा डकारा जा रहा है।
जब इस बात को जिम्मेदार अधिकारी को बताया गया तो तत्काल कार्यवाही करने की बजाय देख लेने की बात कही गयी। यही नहीं बरेली में राशन की दूकानों पर कभी भी निगरानी नहीं रखी जाती है।
ब्यूरो रिपोर्ट यशवंत सराठे बरेली।