वेतन 92 हजार फिर भी मदरसा शिक्षक नहीं लिख सके बृहस्पतिवार

बहराइच

यूपी के बहराइच में मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा सात के बच्चों को सप्ताह के सातों दिनों के नाम तक ठीक से नहीं पता है। अफसोस की बात यह है कि बच्चों की इन गलतियों को मदरसे में 92 हजार रुपये के वेतन पर पढ़ाने वाले शिक्षक भी नहीं पकड़ पाए। बृहस्पतिवार कैसे लिखते हैं, यह तक मदरसा के शिक्षक नहीं जानते हैं। इसका खुलासा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की जांच में हुआ है।

दो दिन पूर्व जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय मिश्रा ने महसी इलाके के मदरसा दारुल उलूम अशरफिया हस्मतुरर्जा का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान जब उन्होंने छात्रों की कापी देखी तो पाया कि कक्षा सात का छात्र अपने हिन्दी की कॉपी में सप्ताह के सात दिनों के नाम तक ठीक से नहीं लिख सका है।

उसकी कॉपी को मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक मौलवी साहब ने जांची तो गलती के बावजूद उन पर सही का निशान लगा मिला। यह देखकर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भड़क गए। उन्होंने मौलवी से पूछा कि क्या कॉपी में लिखा बृहस्पतिवार सही है। इस पर मौलवी साहब बगले झांकने लगे।

मौलवी ने बताया 92 हजार रुपये वेतन मिलता है
कई बार सवाल पूछने पर मौलवी साहब ने उंगली से कॉपी पर इशारा करते हुए बताया कि मात्रा इधर से होनी चाहिए, लेकिन जो वह उंगली से बता रहे थे। वह भी गलत था। इस पर अधिकारी ने पूछा कि कितना वेतन पाते हो तो मौलवी ने बताया कि 92 हजार रुपये।

इससे हतप्रभ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि इससे खराब क्या हो सकता है कि कक्षा सात का छात्र सप्ताह के सात दिनों के नाम तक ठीक से नही लिख पा रहा है। उन्होंने शिक्षक गुणवत्ता युक्त शिक्षण कार्य के लिए चेतावनी भी जारी की।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *