दिल्ली की सीमाओं से हटेंगे टोल बूथ, नितिन गडकरी का बड़ा आदेश

नई दिल्ली
 दिल्ली की सीमाओं से MCD टोल बूथ हटाने की तैयारी है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसके लिए जोर दिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और एलजी वीके सक्सेना भी इससे सहमत हैं। उनका मानना है कि शहर की सीमाओं पर एंट्री फीस लेने वाले बूथों को हटाने की जरूरत है। इन बूथों के कारण लोगों को परेशानी होती है और समय बर्बाद होता है। सरकार अब एमसीडी के लिए राजस्व के नए स्रोत तलाशने पर विचार कर रही है।

दिल्ली की सीमाओं से टोल बूथ हटाने का सुझाव

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में MCD के लिए राजस्व के नए स्रोत खोजने के सुझाव पर सहमति जताई। एमसीडी को एंट्री फीस से हर साल लगभग 800-900 करोड़ रुपये मिलते हैं। गडकरी ने कहा कि मुख्य मार्गों पर लगे टोल बूथ यात्रियों के लिए 'भारी उत्पीड़न' का कारण बनते हैं। इससे लोगों के काम के घंटे बर्बाद होते हैं और ट्रैफिक जाम लगता है।

नितिन गडकरी ने इसलिए लिया अहम फैसला

एक सूत्र ने बताया कि गडकरी ने दिल्ली सरकार को राजस्व के नए स्रोत खोजने का सुझाव दिया। इसमें प्रॉपर्टी डेवलपमेंट या गाड़ियों पर मामूली अतिरिक्त चार्ज शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि एंट्री फीस और ग्रीन सेस की वसूली 'खुलेआम लूट' से कम नहीं है। उन्होंने हाइवे डेवलपमेंट में किए गए भारी निवेश पर भी प्रकाश डाला।

MCD को 800-900 करोड़ रुपये का नुकसान

दिल्‍ली सरकार यदि एंट्री प्‍वाइंट पर बने बूथ को खत्‍म करने की योजना पर आगे बढ़ती है तो केंद्र प्रशासित क्षेत्र के रेवेन्‍यू पर इसका व्‍यापक असर पड़ेगा. इन बूथों के जरिये MCD को सालाना 800 से 900 करोड़ रुपये का राजस्‍व हासिल होता है. ऐसे में यदि इन बूथ को हटा दिया जाएगा तो नगर निगम को तकरीबन 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्‍यू लॉस होगा. ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम रेखा गुप्‍ता और एलजी वीके सक्‍सेना इस बात पर सहमत हैं कि MCD को आय के लिए दूसरा सोर्स ढूंढ़ना होगा, ताकि 800-900 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई की जा सके.
गडकरी की सलाह

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में एनवायरमेंट कंप्रेसन चार्ज (ईसीसी) यानी ग्रीन सेस और एंट्री फीस की वसूली को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. एक उच्चस्तरीय बैठक में गडकरी ने इसे ‘पब्लिक लूट’ करार देते हुए कहा कि यह व्यवस्था यात्रियों को भारी परेशानी और देश को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने संकेत दिया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस वसूली को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, गडकरी ने कहा कि दिल्ली की मुख्य सड़कों पर लगे टोल बूथ यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं. इससे न सिर्फ घंटों समय की बर्बादी होती है, बल्कि ट्रैफिक जाम से ईंधन की खपत और प्रदूषण भी बढ़ता है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार को नए राजस्व स्रोतों की तलाश करनी चाहिए, जैसे कि संपत्ति विकास या वाहनों पर मामूली अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है.
MCD के सालाना बजट पर प्रभाव

गडकरी ने जब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही तो उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसे अदालत से बाहर सुलझाने की बात कही और भरोसा जताया कि इस पर जल्द समाधान निकाला जाएगा. बैठक में नगर निगम (MCD) के अधिकारी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि यदि ईसीसी और एंट्री फीस वसूली बंद की जाती है तो इसका एमसीडी के सालाना बजट पर गहरा असर पड़ेगा, जो लगभग 5,000 करोड़ रुपये का है. अधिकारियों का कहना है कि यह राजस्व उनके लिए आवश्यक सेवाएं चलाने के लिए जरूरी है. गडकरी ने बैठक में यह भी दोहराया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली की सड़कों और हाईवे नेटवर्क के विस्तार में भारी निवेश किया है. ऐसे में इन टोलों से वसूली करना अनुचित है, खासकर जब इससे आम जनता को असुविधा हो रही हो.

ऐसे एमसीडी को राजस्व की होगी प्राप्ति

जब गडकरी ने कहा कि NHAI पर्यावरण मुआवजा शुल्क (ECC) या ग्रीन सेस की वसूली रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी, तो सक्सेना ने जवाब दिया कि इस मुद्दे को अदालत जाए बिना भी सुलझाया जा सकता है। जल्द ही इसका रास्ता निकाल लिया जाएगा। बैठक में मौजूद MCD अधिकारियों ने कहा कि राजस्व में कमी से नागरिक निकाय के वार्षिक बजट पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा, जो लगभग 5,000 करोड़ रुपये है।

दिल्ली के एलजी, सीएम, मंत्रियों के साथ बैठक

दिल्ली के PWD मंत्री परवेश वर्मा, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और MoS (सड़क परिवहन) हर्ष मल्होत्रा भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में सभी चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की गई। पिछले हफ्ते, दिल्ली सरकार और MCD के शीर्ष अधिकारी फिजिकल बूथों को हटाने के लिए मल्टीलेन फ्री फ्लो (MMLF) टोल और एंट्री फीस कलेक्शन सिस्टम लगाने पर सहमत हुए थे।

बैठक में कई प्रोजेक्ट पर चर्चा

बैठक में लिए गए निर्णयों पर अधिकारियों ने कहा कि NHAI ग्यारह मूर्ति से आईएनए से वसंत कुंज तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड तक एक अंडरग्राउंड लिंक (सुरंग) की संभावना तलाशने के लिए एक तकनीकी अध्ययन करेगी। एक अधिकारी ने कहा कि इससे सरदार पटेल मार्ग पर ट्रैफिक कम करने में मदद मिलेगी, जो सुबह और शाम के पीक आवर्स के दौरान पूरी तरह से जाम हो जाता है और यहां वीआईपी मूवमेंट भी बहुत होता है। CM कार्यालय ने एक बयान में यह भी कहा कि सराय काले खान को IGI एयरपोर्ट से जोड़ने वाली सुरंग के लिए भी एक व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।

NHAI जल्द ही तीन NH स्ट्रेच की रिपोर्ट करेगा तैयार

अधिकारियों ने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि NHAI जल्द ही तीन NH स्ट्रेच – हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर से पंजाबी बाग (18.5 किमी), आश्रम से बदरपुर (7.5 किमी) और मेहरौली से गुड़गांव बॉर्डर (8.5 किमी) – को अपने कब्जे में लेगी और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के बाद उन्हें सिग्नल फ्री बनाएगी। उन्होंने कहा कि PWD इन राजमार्ग स्ट्रेच के किनारे सर्विस रोड और नालियों का रखरखाव करेगी।

 

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