सीएम योगी के निर्देश को 20 विभागों से संबंधित बड़े निर्माण कार्यों को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा

लखनऊ 
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में बड़े स्तर पर सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भविष्य की जरूरतों के अनुसार निर्मित करने पर फोकस कर रही है। इसी कड़ी में सीएम योगी के निर्देश को धरातल पर उतारने के लिए 20 विभागों से संबंधित बड़े निर्माण कार्यों को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस विषय में एक खाका तैयार किया गया है जिसके अंतर्गत भवन सेल द्वारा 95 निर्माण कार्यों को 18767 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। इसमें विभागों के कार्यालयों समेत विभिन्न प्रकार के आवासीय-अनावासीय अवसंरचनाओं का निर्माण शामिल है।
कार्ययोजना के अनुसार गृह विभाग के सर्वाधिक 35 कार्यों को 6550 करोड़ की लागत से पूरा करने का लक्ष्य है। जबकि, चिकित्सा शिक्षा, कारागार व उच्च शिक्षा विभाग के भी कई बड़े निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। उल्लेखनीय है कि इन 95 निर्माण कार्यों में से 26 की प्रगति 76 से 99 प्रतिशत है, जबकि 10 कार्यों की प्रगति 51 से 75 प्रतिशत के बीच है। बड़ी बात यह है कि 17 कार्यों को रिकॉर्ड समय में पूरा भी कर लिया गया है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई कार्य योजना के अनुसार, गृह विभाग के बाद ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) मोड पर दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा कार्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें कुल 5357 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग के 6 निर्माण कार्यों को 773 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। कारागार विभाग के कुल 7 निर्माण कार्यों को भी 1334 करोड़ रुपए से पूरा करने की तैयारी है।
इसी प्रकार, न्याय विभाग के कुल 3 कार्यों को 1227 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 3 कार्यों को 312 करोड़ की लागत से पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के लिए 324 करोड़ रुपए की लागत से 3 निर्माण कार्यों को पूरा किया जाएगा।
कार्ययोजना के अनुसार, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए 229 करोड़ की लागत से 2 कार्य, राजस्व एवं आपदा विभाग के लिए 350 करोड़ से 2 कार्य, श्रम विभाग के लिए 149 करोड़ की लागत से 2 कार्य तथा राज्य संपत्ति विभाग के लिए 2 निर्माण कार्यों को 182 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा।
इसी प्रकार, आयुष विभाग के लिए 267 करोड़ रुपए, माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए 153 करोड़ रुपए, खेल विभाग के लिए 388 करोड़, नागरिक उड्डयन विभाग के लिए 103 करोड़, नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के लिए 95 करोड़, वित्त विभाग के लिए 187 करोड़, पशुधन विभाग के लिए 277 करोड़, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के लिए 434 करोड़ तथा धर्मार्थ कार्य विभाग के लिए 65 करोड़ की लागत से एक-एक कार्य को पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार भवन सेल द्वारा जिन 20 विभागों के 95 कार्यों को पूरा किया जाना है उनकी प्रगति भी उल्लेखनीय है। खास बात यह है कि इनमें से 17 कार्यों को रिकॉर्ड समय के अंदर पूरा किया जा चुका है।
वहीं, अन्य कार्यों को भी पूरा करने पर तेज गति से कार्य हो रहा है। 95 निर्धारित कार्यों में से 26 की निर्माण प्रगति 76 से 99 प्रतिशत के बीच है। इसी प्रकार, 50 से 75 प्रतिशत निर्माण प्रगति वाले कार्यों की संख्या 10 है, जबकि 5 कार्य ऐसे हैं जिनकी पूर्ति प्रगति 26 से 50 प्रतिशत के बीच है और इनमें से 4 कार्य कारागार विभाग से जुड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के 21 निर्धारित कार्यों में से 9 पूरे हो चुके हैं जबकि 6 कार्यों की प्रगति 76 से 99 प्रतिशत तथा 1 कार्य की प्रगति 50 से 75 प्रतिशत के बीच है। इसी प्रकार, गृह विभाग के 35 में से 2 कार्य पूरे हो चुके हैं जबकि 12 कार्यों की प्रगति 76 से 99 प्रतिशत के बीच है।

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