छत्तीसगढ़ में हर साल होता है महुआ का करोड़ों रुपये का कारोबार। लॉकडाउन में है बन्द।

सूरजपुर

बिहारपुर ओलावृष्टि से 75 फीसदी महुआ खराब, 32 गांव के 9 हजार परिवारों को 24 करोड़ का नुकसान।

छत्तीसगढ़ के अधिकांश जंगली इलाकों में महुआ मिलता है। इसका शराब बनाने में होता है। इसलिए बाजार में इसकी अच्छी कीमत ग्रामीणों को मिलती है।

छत्तीसगढ़ के अधिकांश जंगली इलाकों में महुआ मिलता है। इसका इस्तेमाल शराब बनाने में होता है, इसलिए बाजार में इसकी अच्छी कीमत ग्रामीणों को मिलती है।

लॉकडाउन की पाबंदी के बीच वनोपज के इस नुकसान से ग्रामीणों के सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हुआ है।

सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर में हर साल महुआ का 200 करोड़ का कारोबार, लोगों को उम्मीद अब सरकार से।

ब्यूरो रिपोर्ट पप्पू जायसवाल।

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