आखिरी उड़ान भरने से कुछ दिन पहले पायलट सुमीत सभरवाल ने अपने पिता से किया था वादा, रह गया अधूरा

अहमदाबाद
गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास विमान हादसा हुआ। इस हादसे में ना सिर्फ 265 लोगों की मौत हुई बल्कि कई मांओं, कई पिताओं और कई भाई-बहनों की उम्मीदों और सपनों ने भी आखिरी सांस ली। इस हादसे में जान गंवाने वाले पायलट सुमीत सभरवाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 8,300 घंटों का एक्सपीरियंस लेकर गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाले पायलट सुमीत सभरवाल ने अपने 90 साल के पिता से एक वादा किया था, जो उनकी मौत के बाद अब अधूरा ही रह गया।

वादा जो अधूरा रह गया
सुमीत पिछले कई सालों से पायलट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान वो सिंगल ही रहे। सुमीत अपने 90 साल के बुजर्ग पिता के साथ रहते थे। लंदन के लिए आखिरी उड़ान भरने से कुछ दिन पहले सुमीत ने अपने पिता से वादा किया था कि वो जल्दी ही नौकरी छोड़ देंगे और पूरा समय उनका ख्याल रखा करेंगे। लेकिन नीयति को कुछ और ही मंजूर था। पिता से किया सुमीत का वादा उनके साथ ही चला गया। अब ना वो वादा रहा और ना ही उसको पूरा करने वाले सुमीत, अब कोई चीज बची है तो 90 साल के बुजुर्ग पिता की आंखों में आंसू और ढेर सारी यादें। अब इन्हीं यादों और उस अधूरे वादे के साथ बुजुर्ग पिता का बाकी का जीवन बीतेगा। अपने जवान बेटे की मौत का मातम मनाते पिता को देखकर हर कोई भावुक हो जा रहा है।

कौन थे सुमीत सबरवाल
कैप्टन सुमीत सरवाल पवई के रहने वाले थे। उनके बुजुर्ग पिता नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से रिटायर्ड हुए हैं। सुमीत पिछले कई सालों से पायलट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुमीत एक अनुभवी पायलट थे। उनके अनुभव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें 8300 घंटों की उड़ान का एक्सपीरियंस हो गया था। सुमीत के दो भतीजे भी पायलट हैं। सुमीत के एक पड़ोसी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए बताया कि उड़ान भरने से पहले सुमीत हमसे अपने पिता का ख्याल रखने के लिए कहते थे। पड़ोसियों ने बताया कि बुजुर्ग पिता अब पूरी तरह से टूट चुके हैं।

 

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