ठाणे भिवंडी
भिवंडी खाड़ीपार क्षेत्र में हजारों मजदूर परेशान।
5238 लोगों को सरकारी राशन दुकान से नहीं मिलता राशन।
भिवंडी शहर से जुड़े कमजोर और पावर लूम बहुमूल्य क्षेत्र खाड़ीपार में लॉकडाउन के कारण सभी कारोबार पूरी तरह से बंद हैं। जिसकी वजह से लोगों के हालात खराब हो चुके हैं और वो भूखमरी के दहाने पर पहुंच गए हैं।
रोजाना मजदूरी पर काम करने वाले और दूसरे जरूरतमंद हजारों लोगों के खाने का इंतजाम पहले दिन से ही इलाके की सरपंच नाज़नीन अल्ताफ शैख़ द्वारा किया जा रहा है। जो आज तक चालू है। जहां कम्युनिटी किचन बनाने से इनका बोझ कम हुआ है।
लेकिन जरूरतमंदों और परेशान हाल लोगों की संख्या यहां बहुत ज्यादा है।
खाड़ी पार खूनी ग्राम पंचायत की सक्रिय संघटना एनएच आरओ ने पूरे क्षेत्र का सर्वे करने के बाद बताया कि खूनी ग्राम पंचायत क्षेत्र में 5238 लोग ऐसे हैं जिन्हें सरकारी राशन की दुकानों से राशन नहीं मिलता।
क्योंकि इनमें उन लोगों की संख्या ज्यादा है जिन्हें कार्यालय द्वारा राशन कार्ड चालू रखने के लिए जरूरी कागजात जमा कराने के लिए कहा गया था।
जो अपने कागजात नहीं जमा करा पाए हैं। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए एनएचआरओ के अध्यक्ष कबीर शैख़ ने बताया कि खूनी ग्राम पंचायत में सरकारी राशन की कुल 7 दुकानें हैं। जिनमें दुकान नंबर एक पर 1370 इसी तरह दुकान नंबर 2 पर 650, दुकान नंबर 3 पर 1166, दुकान नंबर चार पर 530, दुकान नंबर पांच पर 740, दुकान नंबर 6 पर 706 और दुकान नंबर 7 पर 76 लोग ऐसे हैं जिन्हें राशन नहीं मिलता।
क्योंकि राशन कार्ड चालू रखने के लिए कार्यालय द्वारा मंगाए गए कागजात यह लोग जमा नहीं कर पाए थे। यह लोग राशन कार्ड चालू रखने के प्रयास के साथ-साथ अपनी मेहनत मजदूरी करके पेट भरने में व्यस्त थे।
मगर इस वक्त सभी व्यवसाय बंद हैं और अब सरकार द्वारा इन्हें राशन ना मिलने से यह लोग कहां जाएं?
इस संदर्भ में एनएचआरओ नामी संघटना ने पिछले दिनों राज्य के पालक मंत्री छगन भुजबल से शिकायत की तो उन्होंने इनकी शिकायत को थाना राशन सप्लाई डिपार्टमेंट को ट्रांसफर करते हुए इस समस्या का तुरंत निवारण करने का हुक्म दीया है।
जिसके बाद संघटना ने भिवंडी प्रांत अधिकारी मोहन नालंदकर और तहसीलदार से भी मुलाकात की और इन्हें शिकायती ज्ञापन सौंपा।
जिसके बाद तहसीलदार ने इन्हें जल्द ही इस समस्या के निवारण का भरोसा दिलाया है।
संघटना के अध्यक्ष कबीर शैख़, उपाध्यक्ष जीशान अंसारी और हरीश ने बताया की शहरों में एक दूसरे की मदद और हालात पर लोगों की नजर रहती है मगर गांव क्षेत्रों में लोगों का ध्यान कम ही जाता है।
हालाकी अभी तक सरपंच नाज़मीन अल्ताफ शैख़ द्वारा दोनों वक्त तकरीबन 3000 लोगों को खाना मुहैया कराया जा रहा है।
मगर लोगों को अगर सरकारी राशन मुफ्त में या इनके राशन कार्ड पर सस्ते दामों में मिलना शुरू हो जाए तो मजदूरों और कमजोर वर्ग जो दोनों वक्त किसी की तरफ से आस लगाए बैठे रहते हैं इन्हें और जो इतनी बड़ी तादाद में लोगों का बोझ उठा रहे हैं दोनों को राहत मिल जाएगी।
संघटना ने सरकार और प्रशासन से जल्द ही इस तरफ ध्यान देने का आग्रह किया है। ताकि भुखमरी की नौबत आने से पहले इन गरीबों और मजदूरों का कोई इंतजाम हो जाए।
ब्यूरो रिपोर्ट मुस्तकीम खान भिवंडी।