सारण। स्वास्थ्य सेवाओं की राज्य स्तरीय रैंकिंग में सारण जिला को मिला 5वां स्थान।
6वें से 5वें स्थान पर पहुंचा।
राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी की रैंकिग।
34 स्वास्थ्य सूचकांकों पर तय की गयी रैंकिंग।
छपरा जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुयी है।
इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति नियमित तौर पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा भी करती है। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा कर जिलावार रैंकिंग जारी की है। जिसमें जिले ने निर्धारित सूचकांकों में प्रगति की है।
यही वजह है कि राज्य भर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले जिलों की सूची में सारण को 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस साल जनवरी माह की रैंकिंग में जिले को 6वां स्थान प्राप्त हुआ था। फरवरी माह की रैंकिंग में 5 वां स्थान मिला है।
34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर हुयी रैंकिंग।
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने 34 स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर राज्य स्तरीय रैंकिंग जारी की है।
जिसमें जिले की स्थिति पहले की तुलना में और बेहतर हुयी है। बेहतर कार्य के बदौलत 5 वां स्थान प्राप्त कर सका है। इससे जिले के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साहवर्धन भी हुआ है। साथ ही इस रैंकिंग को बरक़रार रखने के साथ आगे बढ़ने की चुनौती भी अब बढ़ गयी है। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन करने होंगे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जिला टॉप 3 की सूची में शामिल हो सकेगा। इसमें डीपीएम अरविंद कुमार, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी भानु शर्मा, डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग सराहनीय है।
इन सूचकांकों को किया गया शामिल।
34 स्वास्थ्य सूचकांकों पर रैंकिंग तैयार की गयी है। जिसके लिए 800 अंक निर्धारित किये गए थे। जिसमें गर्भवती महिलाओं का निबंधन, प्रसव पूर्व पहली तिमाही में महिलाओं का निबंधन, संस्थागत प्रसव, आधुनिक परिवार कल्याण के उपायों की दर, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की संख्या एवं भर्ती रहे दिनों की संख्या, पूर्ण टीकाकरण, खून की कमी दूर करने में आयरन टैबलेट की आपूर्ति, एंबुलेंस का प्रतिदिन परिवहन की दर, पीएचसी स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या में हर माह ओपीडी की सेवा उठाने वाले मरीजों की संख्या, लेबोरेटरी में स्वास्थ्य जाँच कराने वाले लोगों की संख्या , अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता दर, खोजे गए नए टीबी मरीजों की संख्या, टीबी और कालाजार मरीजों के लिए दवा उपलब्धता की स्थिति, ओपीडी दवाओं की उपलब्धता, पैसे का खर्च, आशा का प्रशिक्षण, आशा का भुगतान, कन्या उत्थान योजना का भुगतान और चिकित्सकों का ओपीडी में प्रदर्शन शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी।
क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रैंकिग जारी की गई है। जिसमें जिले को राज्य भर में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है। सभी स्वास्थ्य कर्यक्रमों का लाभ समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना जरुरी है। इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। आने वाले समय में इससे भी बेहतर रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती है।
ब्यूरो रिपोर्ट सैयद शकील हैदर।