भिवंडी में कल्याण मुंब्रा ठाणे वसई और पालघर से कम है, कोरोना संक्रमण का असर।

भिवंडी में कल्याण मुंब्रा ठाणे वसई और पालघर से कम है, कोरोना संक्रमण का असर।

अब तक शहर में मिले सिर्फ़ 3 करोना के रोगी, जो ट्रावेल हिस्ट्री की बुनियाद पर कोरोना संक्रमित पायेे गये।

भिवंडी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयवंत धुले और उनकी चिकित्सा विभाग की पूरी टीम की शहर भर में सराहना की जा रही है।

शहर को करोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से बचाव के लिए किए गए उनके कुशल प्रयासों पर बधाई भी दी जा रही है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयवंत धुले के नेतृत्व में चिकित्सा अधिकारी एएनएम और पीएचएन आशा फार्मासिस्ट ने संयुक्त रूप से रात और दिन मेहनत और लगन से भिवंडी शहर को कोरोना संक्रमण से बचाया है।

अन्यथा भिवंडी शहर भी अपने पड़ोसी शहर कल्याण मुंब्रा ठाणे वसई और पालघर की तरह करोना संक्रमण से जूझ रहा होता।

भिवंडी मनपा के चिकित्सा विभाग का नेतृत्व करते हुए डॉ. जयवंत धुले ने भिवंडी में जब एक भी रोगी कोरोना से प्रभावित नहीं था।

तभी डब्ल्यूएचओ के ठाणे जिला सर्विलेंस चिकित्सा अधिकारी किशोर चौहान को बुलाकर अपनी पूरी टीम की कुशल ट्रेनिंग कराई थी।

और फिर खुद इसका नेतृत्व करते रहे। जहां लॉक डाउन किया गया वहीं भिवंडी में प्रवेश करने के प्रमुख 16 मार्गों को भिवंडी मनपा ने बंद कर दिया।

इसी तरह करोना संक्रमण आने से पहले रोकथाम और आने के बाद कैसे इसे हैंडल करना है इसकी ट्रेनिंग डॉक्टर धुले ने अपनी टीम को देकर इन्हें ट्रेन किया था।

इसके बाद नोडल ऑफिसर, रिपोर्टिंग अधिकारी, सैंपल कलेक्शन, ट्रांसपोर्टिंग इन सभी कामों के साथ मनपा के सभी विभागों का समर्थन कब लेना पड़ेगा और पुलिस टीम की क्या जिम्मेदारियां होंगी इन तमाम बातों की गाइडलाइन पहले ही तैयार करके संबंधित विभागों को निर्देश देकर अलर्ट कर दिया गया था।

इस तरह की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जयवंत धुले ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि जब इन्हें भिवंडी चिकित्सा विभाग की जिम्मेदारी दी गई तो मेन पावर यानी स्टाफ बहुत कम था।

बरसों से इस कमी के कारण चिकित्सा विभाग आलोचना और टिप्पणियों का निशाना बनाया जाता रहा।

भिवंडी शहर में रूटीन इम्यूनाइजेशन यानी टीकाकरण सिर्फ 56 प्रतिशत था मगर पिछले एक बरस से इसमें बेहतर प्रतिशत और मिशन इंद्रधनुष के अंदर टीका करण के टारगेट को पूरा करते हुए 98 प्रतिशत तक लाया गया है।

डॉक्टर जयवंत धुले ने बताया कि मैं भिवंडी शहर के स्थानिय हूं और पिछले तकरीबन 15 सालों से मैं चिकित्सा ऑफिसर के तौर पर भिवंडी में काम करता आया हूं।

कमी क्या थी और भिवंडी शहर की जनता का सपोर्ट मनपा को क्यों नहीं मिल रहा था। इसे कैसे हासिल किया जा सकता है। यह मुझे समझ में आ रहा था। मगर इस वक्त यह काम मेरेे हाथ में नहीं था।

और मुझे महसूूस हो रहा था कि चिकित्सा अधिकारियों को भरोसे मैं नहीं लिया जा रहा था। और ना ही इनकी सलाह पर ध्यान दिया जा रहा था।

इन्हीं सभी बातों के कारण मुझे यह जिम्मेदारी दी गई और मैंने सभी को साथ लेेेकर जनता का सहयोग लेने के लिए नगर सेवकों को प्रोग्राम की  मालूमात देते हुए शुरुआत की।

मुझे स्थानीय होनेे का भरपूर सहयोग मिला। दूसरी तरफ मेनपावर की कमी थी चिकित्सा ऑफिसर कम थे सेंटर भी कम थे डॉक्टरों की कमी थी।

इन सभी पोस्ट को भरी गई। नर्सों और सिस्टरो की तादाद भी तकरीबन दुगनी हो गई । हर आरोग्य केंद्र पर चिकित्सा  अधिकारी को नियुक्त किया गया और पिछले कई सालों में जो काम नहीं हो सका था वह काम करते हुए। केंद्रों पर ओपीडी शुरू की गई और टाइम की पाबंदी पर जोर दिया गया।

कम्युनिटी से समर्थन मिले इसके लिए कम्युनिटी मिमबर आशा के नाम से भर्ती किए गए। इसमें सरकार से सपोर्ट लिया गया। जर्जर अवस्था में पड़े आरोग्य केंद्रों पर सिस्टर रहने को तैयार नहीं थी। इनकी जान को खतरा था कि कहीं गिरना जाए इन सभी 15  आरोग्य सेंटरों को दुरुस्त कराया गया।

सेंट्रो के अंदर जरूरी चीजें  पानी लाइट कुर्सी टेबल  शौचालय आदि दुरुस्त कराते हुए इन्हें रंग कराया गया। इन सभी सुविधाओं की उपलब्धियों के साथ सेवाओं को अच्छा बनाने की तरफ  ध्यान दिया गया।

और डॉक्टरों ने रिजल्ट भी दिया। आज ना सिर्फ ओपीडी  सेवाएं दी जा रही हैं बल्कि  एएनसी रजिस्ट्रेशन भी काफी  बढ़ गया है।

टीकाकरण बढ़ गया है। टीबी का डिटेक्शन बढ़ गया है। इस वक्त हमारा पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण से शहर को बचाने पर है।

और अब तक हम इसमें कामयाब हैं कि चारों तरफ कोरोना का जबरदस्त हमला जारी है मगर भिवंडी शहर में सिर्फ तीन रोगी हैं और यह तीनों को भी ट्रावेल हिस्ट्री की बुनियाद पर कोरोना संक्रमण मिला है।

तकरीबन 3000 लोगों तक  इनकी  ट्रैवल हिस्ट्री की बुनियाद पर  पहुंचकर  प्राथमिक चैकअप  किया गया और भिवंडी में चारों तरफ विशेष रुप से हाई रिस्क इलाकों में 5 नए सेंटर्स भी अस्थायी रूप से स्थापित किए गए हैं।

ताकि लोगों को चेकअप के लिए यहांं आने मे आसानी हो। यह सेंटर सिर्फ कोरोना की जांच के लिए स्थापित किया गयाा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयवंत धुले ने बताया कि चिकित्सा विभाग की इन सभी प्रयासों के बावजूद  मेरा मानना है कि कोई भी पब्लिक सर्विसेस जनता के सहयोग के बगैर पूर्ण नहीं हो सकती हैं।

इसलिए शहरवासियों से मैं अपील करता हूं की हमें आपकी जरूरत पड़े तो आप अपना मोरल सहयोग और अपना थोड़ा वक्त हमारी टीम को दें।

लॉकडाउन की पाबंदी के साथ हाथों को साबुन से बार बार धोएं। सर्दी खांसी का लक्षण दिखाई देने पर फौरन चेकअप कराएं।

कोरोना के लक्षण पाए जाने पर कहीं किसी और को यह तकलीफ ना हो इसी कारण नरसेस सर्वे करती हैं। सर्वे में इनका सहयोग करें इन्हें मालूमात दें।

इसमें हमारी और पूरे शहर की कामयाबी है। आपका सहयोग और हमारी पूरी टीम पूरी तरह करोना रोकथााम के लिए तैयाार है।

आप के सहयोग से पहले चेचक टिटनेस और पोलियो का खात्मा किया और अब हम करोना संक्रमण का आत्मा करने में भी कामयाब होंगे।

ब्यूरो रिपोर्ट मुस्तकीम खान भिवंडी।

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