बड़वाह। महंत और ड्राइवर पर हमला कर लोगों ने तीनों को उतारा मौत के घाट।
महंतो की इस हत्या के बाद जूना अखाड़े के महंतो में फूटा आक्रोश, कड़ी कार्यवाही की उठाई मांग।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरि 70 वर्ष, सुशील गिरि 35 वर्ष दोनो महंत अपने वाहन से 16 अप्रैल 2020 को अपने ड्राइवर निलेश तेलगड़े के साथ अपने गुरू श्रीमहन्त रामगिरि जी के आकस्मिक निधन के बाद उनके अन्तिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुम्बई से गुजरात के लिए निकले थे।
जिला पालघर महाराष्ट्र के थाना कासा क्षेत्र के गढ़चिंचले गांव के पास लॉकडाउन होने के बावजूद वहाँ मौजूद लगभग 200 लोगों ने संतों की कार को रोककर पलटा दिया। जिसके बाद इन महंतों के वाहन पर जमकर पथराव भी किया गया।
इसी दौरान एक वन विभाग के कर्मचारी ने रात्रि 11 बजे थाना कासा को घटना की जानकारी दी। इस जानकारी पर पुलिस ने संतों और ड्राइवर को अपनी कस्टडी में लेकर जीप में बैठाया लेकिन इन उपद्रवियों ने पुलिस की मौजूदगी में तीनों को डंडे, राड, चाकू से पीट -पीट कर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। ताज्जुब तब हुआ जब पुलिस मूकदर्शक बनकर यह तमाशा देखती रही।
इन उपद्रवियों ने संतों के पचास हजार रूपये और साथ में भगवान के सोने के श्रृंगार का सामान भी लूट लिया।
अब सवाल ये उठता है कि पुलिस ने इन तीनों के बचाव के लिए हवाई फायरिंग क्यों
नहीं की जबकि यह तीनों पुलिस कस्टरडी में थे। ऐसे में पुलिस की सत्यनिष्ठा भी संदिग्ध है। कासा पुलिस स्टेशन में इस मामले में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। जूना अखाड़े के संतों में इस घटना के बाद काफी आकोश पनप रहा है।जिसको लेकर बड़वाह शहर स्थित सत्ती घाटा मन्दिर के गादीपति एवं चार मंडी जूना अखाड़े के महंत सुंदर भारती महाराज ने भी अपनी बात रखते हुए पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए।
महंत जी ने इस दुःखद घटना पर जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
ब्यूरो रिपोर्ट प्रभु प्रेम कुमार दोगाया।