तेंदुआ के बाद अब बाघ होने की पुष्टि करते ग्रामीण।
वन विभाग के अधिकारी जिसे मिले हैं उनके कुछ पदचिह्न।
सूरजपुर से पप्पू जायसवाल की ख़ास ख़बर।
महुली क्षेत्र के जंगलो में लगभग दो सप्ताह से बाघ ने डाला ढेरा।
दिनदहाडे़ मवेशीयों को एक एक करके बना रहा है अपना शिकार। प्रतिदिन कर रहा पालतू मवेशियों का शिकार।
गाय बैल और बकरी सहित अन्य जानवरों का कर चुका है शिकार।
सूरजपुर जिले के चांदनी क्षेत्र महुली के आसपास के गाँवों में जंगली जानवर कभी तेंदुआ तो कभी बाघ की होने की पुष्टि किया जा रहा है। ये जंगली जानवर द्वारा पशुओं का शिकार पर शिकार बनाते जा रहा है। बीते लगभग दो सप्ताह के भीतर लगभग दर्जनों से ऊपर मवेशीयों का शिकार बना चुका है।
आज और दो मवेशियों को बनाया अपना शिकार। अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक मवेशियों को कर चुका है शिकार
जानवर का पंजा देख वन विभाग ने टाइगर का किया पुष्टि। सप्ताहिक बाजार के पास आज भोर में सुबह 4:00 बजे यह गाय और बछड़ा को मौत का घाट उतार दिया।
पशु मालिक लक्ष्मीनारायण खैरवार ने बताया कि उनकी गाय और बछड़े को मौत का घाट उतार दिया। उसे काट के खून पी गया। यह जंगली जानवर बाघ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के जंगलो में रहता है तथा आसपास के गाँवों में दौरा करता रहता है।
जैसे ही सुनसान जगह देखते ही पशुओं को झपट बैठता है फिर अपना शिकार बना लेता है।
जंगलों से आकर लगातार मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है। वहीं बीते कल रात में ही शिवप्रसाद साहू के घर के बाड़ी में बंधे गाय को मौत का घाट उतार कर उसका खून पी लिया। जो भी जंगल का जानवर इन दिनों हमला कर रहा है सिर्फ जानलेवा हमला करता है। मृत्युरांत खून पीकर छोड़ देता है। वहीं जंगली जानवरों के द्वारा शिकार होना थम नहीं रहा है। जंगली जानवर का आतंक लगातार जारी है।
आज वन विभाग के दरोगा यादव ने पैर के पंजे को देख कर बाघ का पुष्टि कर दिया हैं। इससे बिहारपुर क्षेत्र सहित महुली में डर और सनसनी फैला हुआ है। वहीं इन दिनों महुआ गिरने से रात में घर से बाहर ग्रामीण निकल जाते हैं वहीं बाघ आने से बिहारपुर क्षेत्र में एक बार हड़कंप मच गया है। कुछ दिन पहले महुली क्षेत्र में ही जंगली जानवर तेंदुआ की धमक से पूरा गांव थर्राया हुआ था। जो तेंदुआ प्रतिदिन शाम ढलते ही गांव में घुस आता है। पालतू मवेशियों का शिकार करना शुरू कर देता है। तेंदुआ एक हफ्ते से महुली के जंगलों में ढेरा डाला हुआ है। एक एक करके मवेशीयों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले साल भी कई बकरी एवं कई पशुओं को तेंदुआ ने जान ले चुका है। जिसे तेंदुआ इस वर्ष भी ग्रामीण जिनका पशु एवं मवेशी है उनको परेशान करके रखा है। जिसे गांव पूरा दशहत में हैं। गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगलो में महुआ बीनने आए मध्यप्रदेश के ग्रामीण जनों के द्वारा जंगलो में आग लगा दिया है जिसे आग लगने की भी सूचना जानकारी गुरु घासीदास के अधिकारीयों को दिया गया था लेकिन इसके बावजूद भी कार्यवाही नहीं हुआ है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का कार्यालय महुली में हमेशा ताला लटका रहता है।कार्यालय बंद होने की खबर बार बार कई अखबार में प्रकाशित होता रहा है।
बीते दिनों प्राप्त जानकारी के अनुसार तेंदुआ जंगल से उतर कर शाम ढलते ही पालतू मवेशियों का शिकार करना शुरू कर देता है। जहां तेंदुआ ने रामकुमार खेरवार का एक गाय, शिवानंद जायसवाल का एक बैल, भोला खेरवार का एक बकरा तथा राजेंद्र जायसवाल का एक गाय का शिकार बना चुका है।
वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। वहां मौका पर देखकर वन विभाग के अधिकारी के द्वारा जंगली जानवर के पदचिह्न को देख कर बाघ होने की पुष्टि की हैं।
क्षति हुए पशुओं का मुआवजा राशी उसके पशु मालिक को दिलवाने की बात कही।
वहीं इस संबंध में जब गुरू घासी दास राष्ट्रीय उद्यान के रेंजर से जब फोन किया गया तो फोन उनके द्वारा नहीं उठाया तथा संपर्क नहीं हो पाया। वन परिक्षेत्राधिकारी बिहारपुर के वन अधिकारी मेवालाल पटेल ने बताया पहले तेंदुआ शिकार किया और अब बाघ का होना बहुत ही दु:खद है। पशुओं का क्षतिपूर्ति के लिए उनके मालिकों को शासन के द्वारा मिलने वाला सहयोग राशि दिलवाने की बात कहा।सूरजपुर बिहारपुर-सूरजपुर के दूरस्थ क्षेत्र चांदनी बिहारपुर में बाघ की दहाड से ग्रामीणो में दहशत व्याप्त है। बाघ ने कई मवेसियो बकरी का शिकार कर 15 दिनों से इस क्षेत्र में डेरा डाले हुये है। गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान से प्रवेश कर बाघ की आमद की आशंका क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्राम पंचायत महुली मे बीते कई दिनों से रात्रि में बाघ देखे जाने की खबर है।
बाघ ने अब तक 15 दिनों के अंदर 7 मवेसियो सहित बकरी का शिकार किया है।
किसान रामकुमार खैरवार ने बताया कि दिनांक 24 को दोपहर को उनका बकरा आंगनबाडी भवन के समीप था जिसे बाघ ने दबोच लिया था किसान के हल्ला मचाने पर आसपास के ग्रामीणो के द्वारा किसी तरह बाघ के मुह से बकरे को बचाया गया और बाघ जंगल की भाग गया। इसी तरह चोगा गांव के किसान शिवप्रसाद साहु के घर के बाडी में घुसकर बाघ ने हमला कर गाय कोे मौत के नींद सुला दिया तो वही आज महुली के रहने वाले किसान लक्ष्मी नारायण की गर्भवती गाय को बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। गाँव के किसान राजकुमार जायसवाल बताते हैं कि एक सप्ताह से बाघ उनके घर के पीछे पहाडी पर डेरा डाला हुआ है। शाम होते ही आ जाता है जिससे उनका परिवार शाम होते बाघ के डर घर से नहीं निकलते हैं। बहरहाल एक सप्ताह से मौजुद बाघ ने कई गाय के साथ बकरीयो को अपने मुँह का निवाला बनाया है। तो वही वन क्षेत्र के साथ गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान से लगे गांव से लगे गांव में इन दिनों बाघ की दहाड़ से ग्रामीणों के हाल बेहाल हैं। दिन रात उन्हें किसी अनहोनी घटना की आशंका बनी रहती है। लेकिन गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान सहित वन विभाग अभी तक बाघ को भगाने का कोई कारगर इंतजाम नहीं कर पा रहा है।
वन परिक्षेत्राधिकारी मेवालाल पटेल ने बताया कि गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान का बाघ है पालतु मवेसी सहित बकरीयो का शिकार किया है तो वही वन विभाग दरोगा यादव ने बताया कि जानवार के पद चिन्ह का फोटो उच्चधिकारी को भेजा गया तो बाघ होने की पुष्टि किया गया।
चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में बाघ के साथ हाथियो की मौजुदगी ने ग्रामीणो में ग्रामीणो में दहशत भर दिया है। कल दिनांक 01 मई से हाथियो का दो दल छतरंग के जंगल में विराजमान है। ग्रामीणो ने बताया कि छतरंग में 11 हाथियो का दल है। हाथियो दल रिहायसी बस्ती से कुछ दुर पर स्वछंद विचरण कर रहा है जिससे ग्रामीण चिंचित है।
गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान महुुली कार्यालय है रहता है बंद।
गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान महुुली कार्यालय की स्थापना ग्रामीणो को आदमखोर वन्यजीवो से बचाव सहित वनस्पति की सुरक्षित करने उददेश्य से कार्यालय सहित आवास बनाये गये थे, 2008 से गुरुघासीदास राष्टृीय उद्यान महुुली कार्यालय सहित आवस बंद पडा हुआ है। अब ये कार्यालय, आवस खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। वन परिक्षेत्र विभाग का अमला रात्रि गश्त मुस्तैदी से नहीं कर पा रहा है।