- नासिक से प्रयागराज साइकिल से जा रहे 18 मजदूर का जत्था 14 दिन में मुलताई पहुंचे।
मुलताई से हरमीत ठाकरे की ख़बर।
मुलताई। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण ट्रेन, बस, कार, हवाई जहाज सभी के पहिए थमे हुए हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी प्रवासी लोगों से जहां हैं, वहीं रहने की अपील की है। बावजूद इसके प्रवासियों के अपने गांव-घर लौटने का सिलसिला थम नहीं रहा।
कोई सुविधा नहीं मिल रही तो श्रमिक अब साइकिल पर सवार होकर ही अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक नासिक महाराष्ट्र से 21/04/2020 को 18 मजदूरों का जत्था साइकिल से ही 1225 किलोमीटर दूर उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के लिए रवाना
हुआ था।
इन मजदूरों ने बताया कि उनके पास राशन की समस्या होने लगी थी जिसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। मजदूरों ने सरकार पर मदद ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहाँ पर काम भी नहीं चल रहा था। उनके पास जो पैसे थे वो भी खत्म हो चुके थे, एसे में साइकिल से घर वापिस जाने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था।
मजदूरों का कहना है कि यदि वे लोग अपने घर नहीं गए तो भूख से मर जाएंगे। नासिक में मजदूरी का कार्य करने वाले भूषण ने कहा कि हम सबने मिलकर साइकिल खरीदने का फैसला किया, जिससे अपने घर पहुंच सकें।
12 दिन का सफर कर के हम मुलताई पहुंचे हैं। हम 18 लोगों में से 5 लोगों की साइकल खराब हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में 17 मई तक लॉकडाउन लागू है। प्रवासी मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ मुंबई-आगरा, नासिक-इलाहाबाद से पैदल, साइकिल से चलकर हजारों किलोमीटर दूर स्थित अपने घर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।