ठाणे भिवंडी। लॉक डाउन बढ़ने से समाजसेवी संस्थाओं के हौसले पस्त।
भिवंडी से मुस्तक़ीम खान की ख़बर।
सरकारी मदद न मिलने से बंद करना पड़ रहा है भोजन पैकेट का वितरण।
भिवंडी। 22 मार्च लाकडाउन की शुरूआत से समाजसेवी, स्वयंसेवी, दानवीर संस्थाओं द्वारा गरीब मजदूरों को दोनों वक्त किचन खोलकर शहर के हजारों बेघरों, असहाय गरीब मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा था।
40 दिन बाद लाकडाउन मियाद दो हफ्ते बढ़ने से सामाजिक संस्थाओं के आर्थिक संसाधन खत्म हो गए।
संस्थाओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि, वैश्विक महामारी के बावजूद गरीब मजदूरों को खाना खिला रही संस्थाओं की कोई मदद मनपा प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा नहीं की गई जिससे निराश होकर किचन बंद करना पड़ रहा है।
गौरतलब हो कि, वैश्विक महामारी से 22 मार्च से हुए लाकडाउन के कारण भिवंडी शहर में तमाम रोजगार बंद होने से गरीब मजदूरों के समक्ष भुखमरी की हालत पैदा हो गई है।
सरकार के आह्वान पर करीब 150 सामाजिक, स्वयंसेवी एवं दानवीर संस्थाओं ने अपने-अपने स्तर पर खाद्य सामग्री, भोजन गरीब मजदूरों को मुहैया कराए जानें में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
कामतघर क्षेत्र भाजपा वरिष्ठ नगरसेवक नीलेश चौधरी द्वारा धर्मराजा सामाजिक संगठन के सौजन्य से करीब 15000 गरीब मजदूरों को दो वक्त खाना खिलाना शुरू किया था जिसकी प्रशंसा विभागीय आयुक्त शिवाजी दौड़, जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर सहित तमाम शीर्ष अधिकारियों ने करते हुए शासन से मदद दिए जाने का भरोसा दिया था।
भाजपा नगर सेवक नीलेश चौधरी ने बताया कि, शासन द्वारा बारंबार अपील के बाद भी कोई मदद नहीं मिली।
अखिल पदमाशाली समाज अध्यक्ष वेमुल नरसय्या ने कहा कि करीब एक माह से हजारों मजदूरों को खाना खिलाने में पदमशाली समाज संस्था के लोग जुटे थे बावजूद शासन से कोई मदद नहीं मिलने पर संसाधन खत्म होने से बंद करना पड़ रहा है।
सूत्रों की माने तो, शहर में अधिसंख्य सामाजिक, स्वयंसेवी संस्थाओं ने गरीब मजदूरों को खाद्य सामग्री, भोजन देना अब धीरे-धीरे बंद कर चुके हैं।
सामाजिक संस्थाओं का आरोप है कि, आपदा मौके पर भी बारंबार अनुरोध के बाद मनपा प्रशासन, स्थानीय प्रशासन द्वारा जनहित कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कोई सहायता नहीं की गई।
भिवंडी मनपा 5 कम्युनिटी किचन से मजदूरों को बांट रही खाना।
समाजसेवी संगठनों का आरोप है कि भिवंडी में करीब 150 किचन सामाजिक संस्थाओं द्वारा खोलकर गरीब मजदूरों को भोजन बांटा जा रहा था।
वहीं मनपा द्वारा सिर्फ 5 कम्युनिटी किचन खोलकर 90 नगर सेवकों के द्वारा करीब 25-30 हजार मजदूरों को भोजन दिया जा रहा है जो पावरलूम नगरी में मजदूरों की संख्या को देखते हुए बेहद अपर्याप्त है।
हजारों गरीब मजदूर भूखमरी झेल कर इधर-उधर घूम रहे हैं। भोजन न मिलने से गरीब मजदूर अपने मुल्क पलायन करने में जुट गए हैं।
मनपा प्रशासन आपदा संकट की घड़ी में भी अपनी पुरानी भ्रष्टाचार की राह पर अग्रसर है ऐसा तमाम शहरवासियों का आरोप है।
मनपा प्रशासन कार्य प्रणाली की हो जांच।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव मोहम्मद तारिक फारुकी, प्रदीप राका, वरिष्ठ नगर सेवक प्रशांत लाड, समाजसेवक श्रीराज सिंह सहित कई नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात व जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर आदि से मनपा प्रशासन के कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग भी की है।