ठाणे भिवंडी के केमिकल गोदाम में लगी भीषण आग। लाखों का केमिकल जलकर स्वाहा।

ठाणे भिवंडी के केमिकल गोदाम में लगी भीषण आग।
लाखों का केमिकल जलकर स्वाहा।

भिवंडी से मुस्तक़ीम खान की रिपोर्ट।

लॉकडाउन से टली बड़ी आगजनी। आग लगने के कारण का पता नहीं।

भिवंडी तालुका अंतर्गत गोदाम क्षेत्र रहनाल स्थित दौलत कंपाउंड में बुधवार दोपहर करीब एक बजे एक केमिकल गोदाम के बाहर रखे हुए ज्वलनशील केमिकल के ड्रमों में अचानक आग लग गई।

केमिकल में लगी आग ने धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लिया और केमिकल गोदाम को भी अपनी चपेट में ले लिया।

भीषण आग की चपेट में आकर लाखों रुपए का केमिकल जलकर स्वाहा हो गया है।

भीषण आग लगने की वजह से समूचे क्षेत्र में आग की भयंकर लपटें एवं काला धुआं भर गया जिससे मार्ग से गुजर रहे लोगों को सांस लेने में दिक्कत झेलनी पड़ी।

सूचना मिलते ही भिवंडी, कल्याण, ठाणे आदि से 4 दमकल गाड़ियों के कर्मियों ने पहुंचकर करीब 3 घंटों के बाद आग पर काबू पाया।

आग बुझने पर क्षेत्रीय लोगों ने राहत की सांस ली है। लॉकडाउन की वजह से गोदाम आदि बंद होने से कोई जानलेवा दुर्घटना नहीं हुई है।

भिवंडी ग्रामीण क्षेत्र स्थित राहनाल, कालहेर, पूर्णा, कशेली, अंजुर फाटा, मानकोली, दापोड़ा, वलगांव आदि इलाकों में करीब 20 हजार से ज्यादा ट्रांसपोर्ट, नामचीन कम्पनियों के गोदाम हैं।

साथ ही ग्रामीण क्षेत्र स्थित गोदाम परिसर में सैकड़ों की तादाद में केमिकल गोदाम हैं जिनमें शासन के दिशा निर्देशों का उलंघन कर ज्वलनशील केमिकल का भंडारण किया जाता है।

केमिकल गोदाम व्यवस्थापकों द्वारा आर्थिक फायदे हेतु शासकीय दिशा-निर्देशों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जाता है।

गोदामों में क्षमता से अधिक भंडारण किए जाने से ज्वलनशील पदार्थों में कई बार घर्षण के उपरांत स्वतः आग की लपटें उठने लगती हैं।

और देखते ही देखते समूचा गोदाम जलकर स्वाहा हो जाता है।

भिवंडी तालुका अंतर्गत राहनाल स्थित दौलत कंपाउंड में लगी भीषण आग की वजह से क्षेत्रवासियों में सुरक्षा को लेकर भारी चिंता व्याप्त है।

गोदाम क्षेत्रों के आसपास रहने वाले हजारों रहवासियों का प्रशासन पर गंभीर आरोप है कि, गोदाम क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में निरंतर आग लगने की घटनाएं घटित होती रहती हैं।

विगत 10 वर्षों में भीषण आग की चपेट में आकर दर्जनों मजदूर अपनी जान गवां बैठे हैं।

शासन से बारंबार मांग के बाद भी गोदाम क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर फायर स्टेशन न खोलना जाना शासन की लापरवाही दर्शाता है। शासन की लापरवाही से क्षेत्रीय रहवासियों में सुरक्षा को लेकर भारी चिंता व्याप्त है।

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